पटना ब्यूरो। ऑपरेशन से एक डिलिवरी हो जाने के बाद दूसरी बार में महिला की नॉर्मल डिलिवरी कराके एनएमसीएच की वरिष्ठ स्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ। नीलू प्रसाद ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की। हालांकि कहने में यह कामयाबी जितनी सुखद लग रही है, उसका क्रियान्वयन उतना ही मुश्किल और जोखिम भरा था। दरअसल नालंदा की महानंदपुर की रहने वाली 25 वर्षीय कुसुम कुमारी(बदला हुआ नाम) को डिलिवरी के लिए समय पर अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा गया था। मगर अपनी लापरवाही के कारण वह देरी से आस्थालोक हॉस्पिटल पहुंची। तबतक बच्चा काफी नीचे सरक गया था.अब डॉक्टर के पास उसे ऑपरेशन करके निकालना बहुत मुश्किल हो गया था.क्योंकि इस स्थिति में बच्चेदानी फटने की पूरी आशंका थी। ऐसे में डॉ। नीलू प्रसाद ने नॉर्मल डिलिवरी का विकल्प अपनाया.यह काफी जोखिम भरा और मुश्किल काम था मगर डॉक्टर के पास इससे कोई बेहतर विकल्प नहीं था.बड़ी मशक्कत से महिला का प्रसव कराया गया.हैरत की बात यह थी कि बच्चे का वजन 4 किलो 300 ग्राम था। इसके बावजूद आस्थलोक हॉस्पिटल में नॉर्मल डिलिवरी सफल रही। हालांकि इस दौरान महिला के योनि मार्ग में काफी क्षति पहुंची.मगर महिला और उसके बच्चे, दोनों की जान बच गयी।
डॉ। नीलू बताती हैं कि महिला की ब्लिडिंग रुक गयी है। बच्चा बिल्कुल स्वस्थ्य है। दोनों को फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। बहुत जल्द दोनों को घर भेज दिया जाएगा।