पटना ब्‍यूरो। हिन्दी पखवारा के अंतर्गत, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में लगाए गए पुस्तक-चौदस-मेला के 12वें दिन, गुरुवार को छात्र-छात्राओं के लिए काव्य-पाठ-प्रतियोगिता आयोजित की गयी। विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-कवियों और कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ कर निर्णायकों को चकित कर दिया। सृजन में विचारों की परिपक्वता लक्षित हुई।

डॉन बास्को ऐकेडमी, दीघा, रवींद्र बालिका विद्यालय, राजेंद्र नगर, किलकारी, पटना, बाल्डविन ऐकेडमी, ए एन कालेज, पटना, उच्च विद्यालय, सीवान, इग्नु, पटना, प्रभुतारा स्कूल, एच पी भी विद्यालय आदि विद्यालयों के विद्यार्थी आयुष राज आनन्द, यश रौशन, इकरा जशीम, मन्हा अख़्तर, मानस वैभव, श्रीशांत प्रियदर्शी, अनुपम कुमारी, सृष्टि शिखा, नव्या, शौर्य आनंद, ऐशिका वर्मा, अनिमेश राज, आयुषी कुमारी, कृश कुमार, उज्ज्वल राज, प्रियांशु कुमार, सत्य प्रकाश ध्रुव, इंदु शुभंकरी, गणपत हिमांशु, अनुराग कुमार, विशाल कुमार, अंकिता कुमारी, आकृति कुमारी, अनुपम कुमार साह, वैष्णवी मिश्रा, तनु कुमारी, सोनाली कुमारी, ऋचा कुमारी, आरती वर्मा, सोनाली कुमारी, श्रेया खेतान, प्रभा कुमारी, निधि खेतान, आंचल कुमारी, अंशु कुमारी आदि ने प्रतियोगिता में भाग लिया।

आरंभ में सम्मेलन के उपाध्यक्ष और बिहार सरकार के पूर्व विशेष सचिव डा उपेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कविता की व्याख्या करते हुए कहा कि जो लोग कविताएँ नहीं कर सकते ऐसे पीडि़त और श्रमिकों की कविता कविता लिखती है। उन्होंने स्वरचित कविताएँ पढऩे के लिए छात्र-कवियों की प्रशंसा की और उनका उत्साह-वर्धन किया। इस अवसर पर, प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक ई अशोक कुमार, निर्णायक मण्डल के सदस्य और वरिष्ठ कवि आचार्य विजय गुंजन, कवयित्री डा करुणा पीटर, डा कृष्णा सिंह, डा सीमा रानी, निर्मला सिंह, कृष्ण रंजन सिंह तथा शिक्षिका राज लक्ष्मी की भी गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।

प्रतियोगिता के पूर्व विद्यार्थियों ने पुस्तक मेला का भ्रमण किया और साहित्यिक पुस्तकों की खऱीद की। शिक्षिकाओं के विशेष आग्रह पर सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने अपने कथा-संग्रह प्रियंवदा पर छात्र-छात्राओं के लिए पचास प्रतिशत की छूट प्रदान की।