पटना (ब्यूरो)। तस्वीर में दिख रही यह गदा चांदी की है। करीब 16-17 साल के बाद यह गदा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के स्टोर रूम से निकली जो कचरों में पड़ी थी। यह गदा कोई आम गदा नहीं विजेता पहलवानों को सम्मान स्वरूप बिहार केसरी के रूप में मिली ढाई लाख रुपये की गदा है। अब प्राधिकरण ने एक बार फिर इस गदा का सम्मान बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। यह गदा उस पहलवान को दी जाएगी जो उसका हकदार होगा। दरअसल, यह गदा "बिहार केसरी" की प्रतिष्ठित उपाधि के रूप में एक समय कुश्ती के शिखर का प्रतीक थी। यह सम्मान जिसने देश भर के पहलवानों को समर्पण के लिए प्रेरित किया था उसे जीवंत करने के लिए प्राधिकरण इसके लिए दो दिवसीय मल्ल युद्ध का आयोजन कराने जा रहा है।

विश्वनाथ सिंह को मिली थी गदा

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण ने बताया कि यह गदा अंतिम बार बिहार के विश्वनाथ सिंह ने जीती थी। भारतीय हेवीवेट फ्री स्टाइल पहलवान और भारतीय सेना में कार्यरत रहे विश्वनाथ सिंह को बिहार केसरी के रूप में यह गदा मिलीं थी। सिवान जिले के डुमराहर (दरौली के पास) नामक गांव में जन्में अंतरराष्ट्रीय पहलवान विश्वनाथ सिंह के सम्मान में यह गदा एक बार फिर बिहार के उदयीमान पहलवान को दी जाएगी।

बिहार के एकमात्र अर्जुन अवार्डी पहलवान थे विश्वनाथ

बिहार में दम तोड़ चुकी कुश्ती कभी काफी लोकप्रिय हुआ करती थी। एक से बढ़कर एक पहलवानों के बीच विश्वनाथ सिंह ने बिहार का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया था। यह कम ही लोग जानते हैं कि बिहार से एकमात्र अजुर्ना अवार्डी पहलवान विश्वनाथ सिंह थे। विश्वनाथ सिंह ने 1966 में एशियाई खेलों में रजत पदक और तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता। उन्होंने 1970 और 1974 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।

सोनपुर मेले में होगा मल्ल युद्ध का आयोजन

डीजी स्पोटर्स ने बताया कि मल्ल युद्ध प्रतियोगिताओं का विचार केंद्र सरकार के 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम से लिया गया था। जिसे खेल संस्कृति और प्राचीन भारतीय खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए पेश किया गया है। हमारी योजना पूरे राज्य में दम तोड़ चुकी कुश्ती को पुनर्जीवित करना है। इसकी शुरुआत सोनपुर मेले से होने जा रही है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और बिहार राज्य कुश्ती संघ द्वारा मल्ल युद्ध प्रतियोगिता 2023 का आयोजन सोनपुर के जिला परिषद मैदान में किया जाएगा। यह प्रतियोगिता 15 और 16 दिसंबर को आयोजित होगी। इस मल्ल युद्ध प्रतियोगिता का नेतृत्व द्रोणाचार्य पहलवान महासिंह राव करेंगे। प्रतियोगिता का आकर्षण उनके साथ आने वाले दो अंतरराष्ट्रीय पहलवान हरियाणा और दिल्ली के होंगे।

साढ़े दस लाख संग गदा होगा पुरस्कार

डीजी ने बताया कि यह प्रतियोगिता मिट्टी पर होगी। इसके लिए अखाड़ा तैयार किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में कुल नकद पुरस्कार की राशि 10 लाख 50 हजार रुपए है। वहीं, विजेता पहलवान को ढाई लाख की चांदी का गदा पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। बताया कि आज से 30-40 साल पहले जो भी पहलवान मल्ल युद्ध के विजेता होते थे, उन्हें चांदी का गदा दिया जाता था। इसी परंपरा को दोहराते हुए सोनपुर में आयोजित होने वाले मल्ल युद्ध प्रतियोगिता के विजेता को चांदी का गदा भेंट किया जाएगा।

पुरुषों में चार और महिलाओं में होगी दो वेट कैटेगरी
बिहार कुश्ती संघ के सचिव विनय कुमार ने बताया कि इस मल्ल युद्ध में पुरुषों में चार वेट कैटेगरी होगी, इसमें 60 से 70 किलोग्राम, 70 से 80 किलोग्राम, 80 से 90 किलोग्राम और 90 किलोग्राम के ऊपर है। वहीं, महिलाओं में दो वेट कैटेगरी में प्रतियोगिता होगी, इसमें 50 से 60 किलोग्राम और 60 किलोग्राम के ऊपर है। हर वेट कैटेगरी के विजेता को 1 लाख रुपए और रनर अप को 75 हजार रुपए नकद पुरस्कार दिया जाएगा।