पटना ब्‍यूरो। हिंदू धर्म के अनुसार गायत्री मंत्र में वो शक्ति होती है जिसकी मदद से व्यक्ति अपनी जिंदगी से जुड़ी हर समस्या को हल कर सकता है। ऐसे में दुर्गा पूजा के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार की इकाई प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन अनुष्ठान की व्यवस्था की गई है। कंकड़बाग के गायत्री मंदिर में नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन हजारों की संख्या में युवा सुबह छह से सात के बीच पांच हजार गायत्री मंत्र का जप करेंगे। सुबह से 11.30 के बीच हवन कर पढ़ाई में कैसे बेहतर करें, नसा मुक्ति, जीवन को कैसे बेहतर बनाएं इसके लिए हवन करेंगे। जो लोग पटना से बाहर हैं वे प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के चैनल से जुड़कर ऑनलाइन भी ध्यान कर सकते हैं। ये जानकारी प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के संचालक मनीष कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि गायत्री मंत्र एक ऐसा मंच है जिसे जप करने से जीवन की सभी समस्या का निदान हो सकता है।

ध्यान करने पहुंचते हैं मेडिकल व इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स
अखिल विश्व गायत्री परिवार की इकाई प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार की ओर से कंकड़बाग में प्रतिदिन ध्यान सेशन चलता है। संचालक मनीष कुमार ने बताया कि यहां एमबीबीएस, एमबीए, इंजीनियरिंग, सीएस की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के साथ कई आईएएस और आईपीएस भी ध्यान करने के लिए पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा में विशेष सेशन का आयोजन किया गया है।

ऑनलाइन जुडऩे की है व्यवस्था
अखिल विश्व गायत्री परिवार की इकाई प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार के सदस्यों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान कई लोग अपने घर चले जाते हैं। ऐसे लोग शारदीय नवरात्र साधना अनुष्ठान का संकल्प प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार के फेसबुक, यूट्यूव से जुड़कर ले सकते हैं। पूरे सेशन को लाइव किया जाएगा। जो लोग शहर से बाहर हैं वे लाइव में जुड़कर ध्यान कर सकते हैं। इसके साथ जो लोग पटना में हैं वे कंकड़बाग स्थित गायत्री मंदिर में आकर सेशन ज्वाइन कर सकते हैं।

जीवन को मिलेगी दिशा
अखिल विश्व गायत्री परिवार की इकाई प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार के सदस्यों ने बताया कि जो लोग शारदीय नवरात्र साधना अनुष्ठान का संकल्प लेंगे निश्चित तौर पर उनके जीवन में बदलाव होगा। सदस्यों ने बताया कि इसका रिजल्ट बहुत क्वीक है। कई लोग जो नसे के आदी हैं वे जप कर सही राह पर आए हैं। इसके साथ ही कई लोग पढ़ाई में बेहतर करने की संकल्प लेकर जीवन को सफल बनाएंगे।

तीन से शुरू हो रहा नवरात्र
शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा में कल 3 अक्टूबर गुरुवार को हस्त नक्षत्र, ऐन्द्र योग एवं जयद् योग के साथ बुध प्रधान कन्या राशि में चंद्र व सूर्य की उपस्थिति में शुरू होगा। नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना होगी। शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जाएगी। सनातन धर्मावलंबियों निराहार या फलाहार रहते हुए अपने घर, मंदिर व पूजा पंडालों में घट स्थापना के बाद दुर्गा सप्तशती, रामचरितमानस, सुंदरकांड, रामरक्षा स्त्रोत्र, दुर्गा सहस्त्र नाम, अर्गला, कवच, कील, सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र आदि का पाठ आरंभ करेंगे।

डोली में होगा आगमन व विदाई चरणायुध पर
आचार्य राकेश झा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार होने से देवी मां का आगमन डोली में होगा। देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी मां के डोली पर आने से कष्टदायक रोग-शोक, रक्तपात, मरण, महामारी व जनहानि का प्रकोप होता है। वहीं माता दुर्गा की विदाई चरणायुध पर हो रहा है। देवी माता के इस गमन से लोगों में विफलता व तबाही की स्थिति बनती है।

सप्तशती का पाठ सर्वदा कल्याणकारी
दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती व अन्य धार्मिक ग्रंथों के पाठ करने या संकल्प देकर योग्य ब्राह्मणों द्वारा करवाने से अनिष्ट ग्रहों से छुटकारा, रोग-शोक का नाश, पीड़ाओं से मुक्ति, धन-धान्य, ऐश्वर्य, ज्ञान, वैभव, कौशल में वृद्धि, पारिवारिक सौहार्द, समाजिक समरसता, आपसी प्रेम, निरोग काया तथा स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।