पटना (ब्यूरो)। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप की वजह से लोगों का जिना मुहाल हो गया है। आलम यह है कि लोग सुबह १० बजे के बाद से ही घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि नौकरी और जरूरी काम वाले लोग ही चिलचिलाती धूप में घर से बाहर निकल रहे हैं। तापमान बढऩे के साथ ही गर्मी से निजात पाने के लिए सत्तू की मांग पटना में बढ़ गई है। इन दिनों पटना में लोगों की पहली पसन्द चने की सत्तू बन गई है। पटना के कई चौक चौराहों पर सत्तू की स्टॉल दिख जाएंगे। जिनमें गांधी मैदान, पटना जंक्शन बोङ्क्षरग रोड आदि जगहों पर स्टॉल मिल जाएंगे।
सत्तू पीने से पाचन से जुड़ी नहीं होती समस्या
वही डॉ नवीन कुमार लोक स्वास्थ्य संस्थान पटना-४ ने बताया कि सत्तू पेट फूलना, कज और एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं से बचने के लिए फायदेमंद माना जाता है। सत्तू में पाए जाने वाले फाइबर और आयरन की वजह से पेट साफ रहता है, डॉक्टर ने बताया कि सत्तू को कूलिंग फूड माना जाता है इसे प्रतिदिन ३० ग्राम यानी २ से ४ टेबल स्पून ले सकते हैं। वहीं सत्तू को पावर हाउस ऑफ एनर्जी भी कहा जाता है। सत्तू को ब्रेकफास्ट में या इवनिंग समय में लिया जा सकता है। टिशु रिपेयर में भी सत्तू काफी फायदेमंद साबित होता है। सत्तू को खाना खाने के ३ घंटे बाद आमतौर पर लोग ले सकते हैं। वही गोल लैडर का स्टोन और किडनी की पथरी जैसे समस्या वाले लोग सत्तू पीने से बचें।
अभी बढ़ गई है डिमांड
दुकानदार भोला ने बताया कि इन दिनों सत्तू की खपत करीब ५० किलो रोजाना होती है। हालांकि आने वाले समय में इसकी खपत और ज्यादा होगी। मार्च में गर्मी अधिक पडऩे के कारण अभी से ही चने की सत्तू की मांग बढ़ी गई है।