पटना ब्‍यूरो। महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती पर रविवार को महावीर मन्दिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। महावीर मन्दिर प्रांगण के उत्तरी भाग में स्थित गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा पर महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल और शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पं शम्भुनाथ शास्त्री ने माल्यार्पण किया। इसके बाद गोस्वामी तुलसीदास की आरती हुई। इस अवसर पर महावीर मन्दिर द्वारा संचालित वेद विद्यालय पाणिनि-प्रज्ञापीठ्म के आचार्य प्राणशंकर मजूमदार और अक्षय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में विद्यालय के विद्यार्थियों ने हनुमान चालीसा और रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ किया। अपने संबोधन में महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी लोकनायक थे। महान् साहित्यकार पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा था कि बुद्ध और आदि शंकराचार्य के बाद गोस्वामी तुलसीदास जी लोकनायक थे। आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि वर्ष 1985 में महावीर मन्दिर के पुनर्निर्माण के बाद से संत तुलसीदास जी की जयंती हरेक वर्ष मनायी जाती है।

-वर्तमान समय में तुलसीदास की रचनाओं की जरूरत
महावीर मन्दिर प्रांगण में आयोजित तुलसी जयंती कार्यक्रम में शत्रुघ्नश्रीनिवासाचार्य पं शम्भुनाथ शास्त्री का भ1ितमय प्रवचन हुआ। वैष्णव आचार्य और संस्कृत के विद्वान पंडित शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में तुलसी दास की रचनाओं की अधिक आवश्यकता है। उन्होंने रामचरितमानस की जनभाषा अवधी में रचना कर रामायण को घर-घर तक पहुंचाने का महान काम किया.आज के समय में रामचरितमानस का मनन करने की जरूरत है। तुलसीदास जी ने शैव और वैष्णव के भेद को समाप्त करने में भी महती भूमिका निभायी। तुलसीदास के जीवन को देख-समझ कर ऐसा लगता है कि उन्होंने लोक शिक्षण के लिए अवतार लिया था। कार्यक्रम का संचालन महावीर मन्दिर की पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा ने किया। इस अवसर पर महावीर मन्दिर के अधीक्षक के सुधाकरन के अलावा बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।