पटना ब्यूरो वैश्विक कैंसर शोध संस्थानों का अनुमान है कि हर साल किडनी कैंसर के 400,000 नए मामले सामने आते हैं और 1.75 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। साल 2020 में कैंसर के करीब 4.30 लाख से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए। यह कहना है फोर्ड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ। राजेश्वर राव का।
डॉ। राजेश्वर राव के अनुसार किडनी कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई भी लक्षण या संकेत नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि समय के साथ इसके लक्षण बढ़ते जाते हैं। किडनी कैं सर के कारण आपके मूत्र का रंग खूनी, गुलाबी या कोला रंग का दिखाई देता है। इसके अलावा आपकी पीठ या बगल में अक्सर दर्द बना रहता है, भूख न लगती हो, बिना किसी प्रयास के वजन कम हो रहा होता है और अक्सर थकान-बुखार बनी रहती है तो ऐसे लक्षणों को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। फोर्ड हॉस्पिटल के निदेशक और सर्जन डॉ। संतोष कुमार कहते हैं कि किडनी कैंसर का सबसे अच्छा इलाज सर्जरी है। 10-12 वर्ष पहले किडनी कैंसर का सर्जरी किया हुआ मरीज आज स्वस्थ जीवन जी रहा है। यदि शुरूआत में इसका पता चल जाए तो 100 फीसदी इलाज संभव है। गौरतलब है कि 20 जून को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है
-किडनी में मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित होने पर कैंसर हो सकता है
भारत में हर साल लगभग 1.2 लाख लोग किडनी कैंसर से पीडि़त होते हैं:
वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ। कुमार राजेश रंजन के अनुसार किडनी कैंसर तब होता है जब किडनी में मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढऩे लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह ट्यूमर घातक हो सकता है। धूम्रपान, मोटापा, उच्च र1तचाप, वंशानुगतता और गुर्दे की किसी बीमारी के अलावा अन्य कई कारक किडनी कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। भारत में हर साल लगभग 1.2 लाख लोग किडनी कैंसर से पीडि़त होते हैं। जहां तक किडनी कैंसर के इलाज का सवाल है, इसकी सफलता कैंसर के चरण, रोगी की उम्र और उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। किडनी कैंसर के उपचार के लिए आमतौर पर सर्जरी के अलावा कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया सकता है।
-धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, अनियंत्रित वजन और गलत खानपान किडनी कैंसर को आमंत्रित कर सकता है
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। अभिषेक आनंद के अनुसार यदि कोई चाहता है कि उसे किडनी कैंसर ना हो तो कुछ तरीके अपना कर इस जोखिम को कम किया जा सकता है। इसमें मुख्य है धूम्रपान से बचना, ब्लड प्रेशर और शरीर का वजन ठीक रखना और खाने में फलों और सब्जियों का सेवन करना, जंक फूड का इस्तेमाल बंद करना तथा नियमित व्यायाम करना।