पटना (ब्यूरो)। रामनवमी पर डाकबंगला चौराहा और आसपास का क्षेत्र गुरुवार की शाम जय जय सियाराम, जय श्रीराम, बजरंग बली की जय आदि के जयघोष से गूंजता रहा। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाम में विभिन्न मोहल्लों से निकली शोभायात्रा की आरती उतारी और अभिनंदन किया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा के नेतृत्वकर्ताओं को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समुदाय का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। आयोजन समिति ने अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया। उन्होंने रामनवमी की शुभकामनाएं भी राज्यवासियों को दीं।
मंच से केंद्रीय मंत्री गिरिराज ङ्क्षसह, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री मनसुख भाई दलसानिया, नेता प्रतिपक्ष बिहार विधानसभा विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष बिहार विधान परिषद सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, श्री श्री रामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति के संयोजक सह पूर्व मंत्री नितिन नवीन, अध्यक्ष सरदार जगजीवन ङ्क्षसह बबलू, विधायक संजीव चौरसिया, अरुण कुमार सिन्हा, विधान पार्षद संजय मयूख, मेयर सीता साहू, पूर्व विधान पार्षद किरण घई, लाल बाबू प्रसाद व अरङ्क्षवद कुमार उर्फ छोटू ङ्क्षसह आदि ने शोभायात्रा का अभिवादन किया।
गुलाब जल व पुष्प की होती रही वर्षा
गुरुवार की शाम डाकबंगला की ओर आने वाली हर सड़क शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं से पटी रही। आयोजन स्थल पर सबसे पहले लोहानीपुर की शोभायात्रा का अभिनंदन किया गया। पूरे रास्ते श्रद्धालुओं के ऊपर गुलाब जल और पुष्प वर्षा होती रही। 50 से अधिक शोभायात्रा विभिन्न मोहल्लों से निकली। पुनाईचक, लोदीपुर, कंकड़बाग, बोङ्क्षरग रोड, मीठापुर, राजाबाजार सहित 30 से अधिक मोहल्लों से शोभायात्रा घोड़ा-ऊंट, ढोल-बाजा, बैंड, डीजे आदि के साथ निकली।
झांकी में प्रभु के हर रूप का कराया गया दर्शन
श्रद्धालुओं को झांकी में प्रभु श्रीराम और बजरंग बली के बाल रूप सबसे ज्यादा आकर्षित किया। विभिन्न स्वरूपों के माध्यम से श्रीराम की मर्यादा, पराक्रम आदि को दर्शाया गया। 20 फीट के हनुमान जी के स्वरूप के साथ लोग सेल्फी लेने के लिए आपाधापी करते रहे। प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, बजरंग बली के साथ शंकर भगवान और लव-कुश के स्वरूप भी शोभायात्रा को भक्तिमय बना रहे थे। झांकी में नेपाल से अयोध्या गई शिला की आकृति भी दिखी।
बनारस की तर्ज पर उतारी गई आरती
शोभायात्रा की आरती बनारस की गंगा आरती की तर्ज पर उतारी गई। शंखनाद और बड़े-बड़े डमरू की ध्वनि श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ा रही थी। भजन श्रद्धालुओं को मोहित करने वाले थे। श्रीराम चौराहा (डाकबंगला) के आसपास के क्षेत्र को एलईडी से आकर्षक रूप दिया गया था। एलईडी से रामयाण के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाया गया था।