पटना (ब्यूरो)। एक परिवार का प्यार वास्तव में अद्वितीय और अतुलनीय होता है। यह एक ऐसा बंधन है जो हमें खुली बाहों से गले लगाता है और जीवन के उतार-चढ़ाव के दौरान हमें मजबूत रखता है। ये बातें मंगलवार को अभिनेता मनोज बाजपेयी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बात करते हुए कही। मनोज बाजपेयी अपनी आने वाली फिल्म गुलमोहर के प्रमोशन के लिए पटना में थे। उन्होंने कई मुद्दों पर आई नेक्स्ट चर्चा की।

शर्मिला टैगोर के साथ काम करने का बचपन से था शौक

मनोज बाजपेयी ने बताया कि शर्मिला टैगोर की फिल्म दाग माता पिता के साथ देखी थीे। तभी से उनके साथ काम करने का मन था। आज उनके साथ काम करने का मौका मिला ये मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है। पिछले 12 साल से शर्मिला टैगोर फिल्मों से दूर थीं। फिर से वापसी कर रही हंै। गुलमोहर बहुत सारे प्यार और दिल से बनी फिल्म हंै। यह उन सरलताओं और जटिलताओं की पड़ताल करती है जो एक परिवार के भीतर होती हैं। हमारी राजधानी दिल्ली के केंद्र में स्थित, यह एक ऐसी फिल्म है जिससे सभी संबंधित हो सकते हैं। शानदार कलाकारों के साथ, गुलमोहर हर एक किरदार के साथ न्याय करती है और हर एक दूसरे से अलग दिखता है।

सरकार से कई बार कर चुका हूं निवेदन


बिहार में फिल्म सिटी और फिल्म पॉलिसी को लेकर उन्होंने बताया कि मैं बिहार से ताल्लुक रखता हूं। इसलिए चाहता हूं कि यहां फिल्म सिटी बने। जितनी भी सरकारें आईं सबसे निवेदन कर चुका हूं, लेकिन पहल आज तक नही हुई। फिल्म सिटी बनने से लोग यहां शुटिंग करने आएंगे और सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलेगी। मनोज बाजपेयी ने बताया कि किसी भी फिल्म की शूटिंग करने में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होता है। सब्सिडी मिलने से निर्माता को तत्काल लाभ मिलता है।

फिल्म पॉलिसी लागू होने से अच्छी भोजपुरी फिल्म भी बनेगी

मनोज वाजपेयी ने बताया कि बिहार में जिस दिन फिल्म पॉलिसी लागू हो जाएगी उस दिन से अच्छी भोजपुरी फिल्में बनने लगेंगी। उन्होंने ये बताया कि मैं एक परिवारिक आदमी हूं इसलिए पारिवारिक प्रेम और परिवार को एक साथ रखने वालीे फिल्म कर रहा हूं।