पटना ब्‍यूरो। कोरोनरी आर्टरी डिजीज पर एक सीएमई का आयोजन कियाप्त कार्यक्रम में मधेपुरा और सहरसा से बड़ी संख्या में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों ने भाग लियाप्त कार्यक्रम में कोरोनरी आर्टरी डिजीज से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई इस विषय पर मुख्य वक्ता निंती कार्डियक केयर के सीनियर कंसल्टेंट-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉ। गिरिजा शंकर झा थे। डॉ। झा ने इस बीमारी के कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी.उन्होंने इस बीमारी से बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ वाली जीवनशैली में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की समस्याएं काफी बढ़ गयी हैं। छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और पसीना आना इसे प्रमुख लक्षण हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा जैसे कारक इस बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं। इसका निदान ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम और कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसी जांचों से किया जाता है। उपचार के लिए दवाओं, एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी की सहायता ली जा सकती है। इसके खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि खान-पान पर ध्यान दें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें।
कार्यक्रम को आईएमए के स्थानीय पदाधिकारियों और चिकित्सकों ने भी संबोधित किया। राज सहगल ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन मरीजों को जागरूक करने और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में मदद करता है। मौके पर डा डीके यादव, डा मिथिलेश ठाकुर, डा फूल कुमार यादव, डा अमित आनंद, डा एसएन सिंह, डा पी तूती, डा एसएन यादव आदि मौजूद थे।