पटना ब्‍यूरो। एक तरफ ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में पटना सहित देश भर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल है। दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पतालों की चांदी कट रही है। शहर के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, पटना एम्स और एनएमसीएच में इलाज कराने आए पेशेंट अब प्राइवेट अस्पतालों की ओर कूच कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी वैसे पेशेंट को हो रही है जो कुछ दिन पहले ही आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती हुए थे। मगर डॉक्टर की राउंड नहीं होने की वजह से वे नाम कटाकर निजी अस्पतालों की ओर सिफ्ट कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल अब पेशेंट की जेब खाली कर रही है। मजबूरन उन्हें महंगी फीस देकर इलाज कराना पड़ रहा है। पढि़ए पूरी रिपोर्ट

प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में दिखी भीड़
आईजीआईएमएस, पटना एम्स और पीएमसीएच में जहां एक बेड के लिए पेशेंट के परिजनों को दो-तीन तक इंतजार करना पड़ता है। हड़ताल की वजह से कई वार्ड पूरी तरह से खाली हो गया है। आईजीआईएमएस और पीएमसीएच के आसपास संचालित प्राइवेट हॉस्पीटलों की चांदी कट रही है। ओपीडी में जहां 200 लोग इलाज के लिए आते थे अब वहां 400 से 500 पेशेंट पहुंच रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर आईजीआईएमएस के पास संचालित एक प्राइवेट अस्पताल के कर्मी ने बताया कि आईजीआईएमएस व पीएमसीएच के पेशेंट इलाज के लिए यहां पहुंच रहे हैं।

पीएमसीएच का हथुआ वार्ड हुआ खाली
हमेशा पेशेंटों से भरा रहने वला पीएमसीएच का हथुआ वार्ड डॉक्टरों के अभाव में पूरी तरह से खाली हो गया है। वार्ड में 10 फीसदी पेंशेंट ही बचे हैं। पिछले तीन दिनों के अंदर आईजीआईएमएस के शिशु रोग विभाग के वार्ड में 40 फीसदी मरीज दूसरे अस्पताल चले गए हैं। यही हाल नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल और पटना एम्स का भी है। यहां जनरल वार्डों में मरीजों का इलाज सही से नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से पेशेंट प्राइवेट अस्पताल की ओर भाग रहे हैं। कई पेशेंट तो बिना डिस्चार्ज लिए ही दूसरे अस्पताल पहुंच रहे हैं। क्योंकि वार्ड में डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं।

सरकारी डॉक्टर निजी क्लिनिक में देख रहे हैं पेशेंट
डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे अधिक फायदा ऐसे डॉक्टरों को हुआ है जो किसी न किसी मेडिकल कॉलेज या सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं। सकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने की वजह से डॉक्टर अपनी निजी क्लिनिक में पेशेंट का इलाज कर रहे हैं। आईजीआईएमएस में मधुबनी से इलाज कराने के लिए पहुंचे विनोद ने बताया कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जबकि वही डॉक्टर अपनी निजी क्लिनिक में पेशेंट को देख रहे हैं। इस संबंध में आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ। मनीष मंडल ने कहा कि आईजीआईएमएस के डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं। दूसरे अस्पताल के डॉक्टर अगर कर रहे हैं तो ये गलत है।

जूनियर व सीनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी
पटना एम्स में जूनियर व सीनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। सोमवार को एम्स के ओपीडी में फैकल्टी द्वारा काम शुरू करने की कोशिश की गई, मगर जूनियर डॉक्टरों ने सहायता नहीं किया। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ। अजय कुमार ने बताया कि हड़ताल एक दिन के लिए थी। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए जूनियर डॉक्टर हड़ताल को खींच रहे हैं। डॉ। अजय ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर है तो प्राइवेट में डॉक्टर इलाज कर रहे हैं इससे उनका जान बच रहा है। ये एक बेहतर कदम है।

आईजीआईएमएस में 60 ऑपरेशन टले
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से आईजीआईएमएस में रुटीन के 60 ऑपरेशन टले। जिसमें से प्रसूति विभाग के 20, नेत्र रोग विभाग के 10, जनरल सर्जरी 19, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के 4, ऑर्थो विभाग के 7 ऑपरेशन टल गए। डॉ। मनीष मंडल ने बताया कि इमरजेंसी के सभी पेशेंट को हम लोग इलाज कर रहे हैं। रुटीन के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है जिस वजह से ऑपरेशन भी टल रहे हैं। वार्ड में पहले से एडमिट मरीज को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फैकल्टी मेम्बर वार्ड में राउंड लगाते हैं जबकि वार्ड में भर्ती पेशेंट से पूछने पर पेशेंट ने बताया कि राउंड पर कोई डॉक्टर नहीं आते हैं।

आईजीएमएस में इन विभागों के ऑपरेशन टले
-प्रसूति विभाग : 20
-नेत्र रोग विभाग : 10
-जनरल सर्जरी : 19
-गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग : 4
-अर्थो विभाग के : 7

रक्षाबंधन पर राखी बांध कर रक्षा करने की अपील
आईजीआईएमएस में धरना पर बैठी लेडी जूनियर डॉक्टरों ने पुरुष डॉक्टरों को रखी बांधकर रक्षा करने की अपील की। उनके सपोर्ट में अस्पताल के अधीक्षक डॉ। मनीष मंडल भी धरना पर बैठ गए। डॉ। मनीष मंडल ने राखी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी को अपने बहन या समाज की बहन बेटी की रक्षा करने का शपथ लेनी चाहिए तभी बेटियां सुरक्षित रहेंगी।


मैं सभी भाइयों से अपने बहन की रक्षा करने की अपील करती हूं। जब तक डॉक्टरों की मांग नहीं पूरी की जाएगी हड़ताल जारी रहेगी।
-डॉ। तृप्ति, नेत्र रोग विभाग आईजीआईएमएस

कोलकाता में जो हादसा हुआ वो एकदम गलत है। सेन्ट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की हमलोग मांग कर रहे हैं। तभी डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे।
- डॉ। अस्मिता, आईजीआईएमएस

कोलकाता में हुई घटना पर जब तक एक्शन नहीं होगा तब तक पीडि़त के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा। डॉक्टर तभी सुरक्षित रहेेंगे जब मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होगा।
- डॉ। सौम्या, वूमेन सेल इंजार्ज, आईजीआईएमएस

सरकारी डॉक्टर प्राइवेट में इलाज कर रहे हैं तो गलत है। आईजीआईएमएस के डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं। इमरजेंसी पेशेंट का इलाज हो रहा है। रही बात हड़ताल खत्म होने की तो इसकी सही जानकारी जूनियर डॉक्टर देंगे।
- मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, आईजीआईएमएस


मां का ऑपरेशन कराने मधुबनी से आए थे। ऑपरेशन सक्सेस नहीं हुआ। यहां डॉक्टर नहीं हैं। इसलिए प्राइवेट अस्पताल ले जा रहा हूं।
- राजीव कुमार, पेशेंट के बेटा

पिता को किडनी में परेशानी है। इलाज कराने के डेट मिला था। यहां के बाद पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। परेशानी ज्यादा है इसलिए प्राइवेट अस्पताल लेकर जा रहा हूं।
- एमडी असलम, मरीज के बेटा


हड़ताल एक दिन का थी। डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर जूनियर हड़ताल पर हैं। इसलिए पेशेंट प्राइवेट में आकर इलाज करा रहे हैं। अगर प्राइवेट हॉस्पीटलों में भी हड़ताल हो जाए तो लोगों की जान खतरे में आ जाएगी।
-डॉ। अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए