पटना ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस पर हितैषी हैप्पीनेस होम, नशा मुक्ति एवं मानसिक आरोग्य संस्था में एक सेमिनार और अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह की चीफ गेस्ट डॉ बिंदा सिंह ने दीप जलाकर विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इसके प्रति सख्त कानून व्यवस्था लागू करने से लोग अवेयर होंगे। संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ विवेक विशाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए चुना गया विषय है साक्ष्य स्पष्ट है रोकथाम में निवेश करें। नशे का व्यापार आम्र्स के व्यापार के बाद सबसे बड़ा कारोबार है। उन्होंने कहा कि आज नशे को लोग फैशन और प्रचलन के रूप में ले रहे हैं। इससे लोग कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। आने वाले समय में यह इतना विकराल रूप ले लेगा कि स्वस्थ मनुष्य के रूप में लोगों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएगा।
नशीली दवाइयों का प्रचलन बढ़ रहा
कार्यक्रम में आए एक्सपर्ट ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अन्य प्रकार का नशा जैसे स्मैक, गांजा, भांग, गुल, इंजेक्शन, कोकेन, आयोडेक्स, पेट्रोल, डीजल और नशीली दवाइयों का प्रचलन बढ़ रहा है। यदि सही तरीके से इलाज हो तो, इसससे मुक्ति मिल सकती है। लोगों को अवेयर करने की बहुत आवश्यकता है। ख़ासकर इसमें मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। स्कूल, कॉलेज और विभिन्न संस्थाओं में जागरूकता अभियान भी बहुत ज़रूरी है।
इस अवसर पर कोइलवर मानसिक अस्पताल के पूर्व सुपरिटेंडेंट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केपी शर्मा ने कहा कि नशा समाज की नींद को खोखला कर रहा है, उन्होंने बताया कि 1.4 मिलीयन बच्चों की मृत्यु जो कि 10-14 वर्ष के हैं, कारण शराब और अन्य नशीले पदार्थ होते हैं। इस अवसर पर निदेशक सुमीता शर्मा डॉ। राकेश कुमार समेेत अन्य पटनाइट्स मौजूद रहे।