पटना ब्‍यूरो।

पटना नगर निगम क्षेत्र में कचरा डम्प यार्ड से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के बीचों बीच डम्प किए हुए कचरा का दो तीन दिनों तक यू ही पड़ा रहता है। इसकी वजह से आसपास रहने और आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कचरा यार्ड को शहर के बाहर शिफ्ट करने को लेकर बहुत बार चर्चाएं हुई हैं। लेकिन बात फिर वहीं की वही रह गई।

पाटलीपुत्र अंचल का डम्प यार्ड के स्मेल पांच सौ मीटर दूर तक जाती है

पाटलीपुत्र के पानी टंकी के पास अटल पथ के निकट बनाए गए कचरा डम्प यार्ड से लोगों को रोज जूझना पड़ता है। आसपास अपार्टमेंट और घरों में रहने वाले लोगों के लिए खिड़कियों और दरवाजों को खोलना मुश्किल हो जाता है। अटल पथ पर पानी टंकी के पास बनाए गए फुट ओवर ब्रिज से आने जाने वाले लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आने जाते लोग अपना चेहरा और नाक रूमाल से ढक लेते हैं।

गर्दनीबाग कचरा यार्ड का भी स्मेल दूर तलक जा रही

गर्दनीबाग कचरा डम्प यार्ड का स्मेल भी दूर तलक जा रही है। आसपास धरना स्थल तक इसकी स्मेेल पहुंच जाती है। हालांकि अब आगे से दिवार का निर्माण करा दिया गया है। लेकिन फिर इससे स्मेल तो रूक नहीं जाती है। आने जाने वाले लोगों से लेकर आसपास रहने वाले लोग स्मेल की इस दिक्कतों से रोज जूझते हैं।

कंकड़बाग अंचल में भी कचरा निस्तारण के तरीके से लोगों को हो रही है परेशानी

कंकड़बाग अंचल के पास कचरा यार्ड में कचरा को लाकर पहले डम्प किया जाता है। फिर वहां सुखा और गिला कचरा का निस्तारण करके बैरिया ले जाया जाता है। लेकिन इस प्रोसेस में कचरा दो से तीन दिन तक यार्ड में पड़ा रहता है। इस वजह स्मेल की दिक्कतों से आसपास के लोग जूझते हैं।

डम्प यार्ड को हाई कोर्ट ने शहर के बाहर शिफ्ट करने को कहा था

20 अक्टूबर 2023 को राकेश कुमार के अपील पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने सरकार से दस दिनों के अंदर शहर से डम्प यार्ड हटाने को कहा था। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में कहा था कि वे कचरा डम्प यार्ड के लिए जल्द नई जगह की तलाश कर ले जो शहर के बाहर हो।

गर्दनीबाग कचरा यार्ड हटाने के लिए विधान सभा में तक उठ चुका है मामला

वर्ष 2021 में गर्दनीबाग से कचरा यार्ड कहीं और शिफ्ट करने को लेकर मामला विधान सभा में उठा था। उस समय के तत्कालीन नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने इस मामले में आश्वासन दिया था कि कचरा यार्ड के लिए शहर के बाहर जमीन देखी जा रही है और इसे जल्द हटा दिया जायेगा।


दुर्गंध के बीच रहने को मजबूर

पटना शहर को स्मार्ट बनाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से बहुत सारी योजनाओं पर कार्य किए जा रहे हैं। प्रतिदिन शहर की सफाई की जाती है, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन भी किया जा रहा है। लेकिन आए दिन पटना के कई वार्डों में कचरा पसरा रहता है। प्रतिदिन हजारों टन घरों से निकलने वाले कचरे का संग्रह तो करते हैं। लेकिन कचरा उठाकर रिहाइशी इलाक़ा में लोगों के बीच डंप कर दिया जाता है। अब तो उसी दुर्गंध के बीच रहना मजबूरी है।

बीमारी फैलने का खतरा

पॉश इलाकों में कचरा डंपिंग यार्ड बनाए जाने से न सिर्फ वहां रहने वाले बल्कि बाइक से या पैदल पानी टंकी होकर गुजरते समय में परेशानी होती है। डॉक्टरों की मानें तो कचरे की वजह से बैक्टीरिया फैलने का खतरा है, जॉन्डिस और डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर कचरा सडऩे लगे तो इससे बनने वाले केमिकल और गैस से गंभीर बीमारी होने का खतरा होता है।

वर्जन

कचरा डम्प यार्ड को लेकर चर्चाएं हुई है। लेकिन इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। विशेष जानकारी के लिए आप पीएमसी के पीआरओ से बात कर सकते हैं।
रंजन सिन्हा
एडिशनल कमिश्नर
पीएमसी