पटना ब्यूरो।
आप अगर ई कमर्शियल वेबसाइट से कैश ऑन डिलीवरी सामान मंगाते हैं और इस बीच बुकिंग के बाद कोई आपको फोन करके कहता है कि इसमें आपको छूट मिल सकती है। तो एकबारगी आप भी सोचते हैं कि इसमें क्या दिक्कत है। फिर आप पूछते हैं कि इस ऑफर का लाभ कैसे उठाया जा सकता है। तब फिर यही से आपके साथ खेल होना शुरू हो जाता है। आपके मोबाइल पर फर्जी एप डाउनलोड करने को कहा जायेगा और फिर एनी डेस्क टाईप से आपके मोबाइल का कंट्रोल हासिल करके आपके बैंक एकाउंट खाली करा जा सकता है।
क्या है इसका मोडस ऑपरेंडिस
साइबर अपराधी इसके लिए बकायदा कॉल सेंटर की मदद ले कर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। जिसमें उन नंबरों पर फोन किया या कराया जाता है। जिन्होंने कैश ऑन डिलीवरी से कुछ न कुछ ऑडर दे रखा होता है। पटना में एक सप्ताह पहले ही इस मामले में एक कॉल सेंटर से 9 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। जो साइबर अपराधियों के लिए काम कर रहे थे। लड़कियों के माध्यम से कैश ऑन डिलीवरी के निर्धारित दर में छूट की बात करके ऑफर दी जाती है। जब लोग उनके झांसे में आ जाते थे। तब उनका नंबर अपने मैनेजर जो कि वास्तविकता में साइबर अपराधी होते थे, उनको ट्रांसफर कर दी जाती थी।
डिलीवरी एजेंट और साइबर अपराधियों के बीच हो सकती है सांठ गांठ
सवाल यह है कि कैश ऑन डिलीवरी से सामान मंगाने वाले का नंबर साइबर अपराधियों के पास कैसे पहुंच जा रही है। क्योंकि यह नंबर तो केवल ई कॉमर्स कंपनियों और उनके एजेंट के पास ही होती है। साइबर एक्सपर्ट पंकज कुमार के अनुसार इस मामले में डिलीवरी एजेंट और साइबर अपराधियों के बीच सांठ-गांठ भी हो सकता है। कई शहरों से ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें एजेंट और साइबर अपराधियों की मिली भगत से ऐसे क्राइम को अंजाम दिया गया है।
केस नंबर 1
प्रीति वर्मा काल्पनिक नाम जो कि पटना के राजेंद्र नगर की रहने वाली हैं। इन्होंने ई कॉमर्स कंपनी पर कैश ऑन डिलीवरी ऑडर करके पर्स मंगाई थी। पर्स डिलीवरी करने से पहले उनके पास फोन आता है। जिसमें पर्स पर निर्धारित दर से भी अधिक छूट की ऑफर करी जाती है। प्रीति की बात फिर मैनेजर से कराई जाती है। एप इंस्टॉल कराया जाता है। जिसके बाद उनके एकाउंट से 41 हजार रुपये डिडक्ट हो जाते हैं।
केस नंबर 2
गर्दनीबाग के राहुल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राहुल ने जूता का ऑडर दिया था। उनके पास फोन आता है और कैश ऑन डिलीवरी के लिए निर्धारित दर से भी कम पैसे देने की बात करी जाती है। राहुल से भी प्रीति जैसा ही नॉर्मस करने के लिए कहा गया। जिसके बाद राहुल के एकाउंट से 11 हजार रुपये कट गए।
पटना से 13 साइबर अपराधी हो चुके हैं अरेस्ट
पिछले एक पखबाड़े के दौरान चलाए गए ऑपरेशन में पटना से 13 साइबर अपराधियों को डिटेन किया गया है। जिनमें 9 लड़किया भी शामिल है। जो कथित तौर पर उस कॉल सेंटर का हिस्सा थी। जहां से लोगों को फोन किया जाता था। पुलिस ने इन के पास 17 मोबाइल, 5 सिम कार्ड, 9 कम्प्यूटर, 3 लैपटॉप जब्त करी है।
वर्जन
साइबर अपरधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। पिछले दिनों 13 को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस साइबर अपराध के मामले में पूरी तरह से एक्टिव है। लोग अपने तरफ से भी पूरी सर्तकता बरते। झुठे प्रलोभन और झांसा में नहीं फंसे।
मानवजीत सिंह ढिल्लो
ईओयू और साइबर क्राइम डीआईजी
पटना