पटना ब्‍यूरो।

दुकान पर कार तो छोड़ दीजिए बाइक तक लाना संभव नहीं है। रवीना बताती हैं कि पिछले अक्टूबर 2023 से आमदनी कुछ भी नहीं है। वे दुकान का हर मंथ पांच हजार और गोदाम का दस हजार रेंट भुगतान करती है। रवीना का गुस्सा नाला निर्माण एजेंसी को लेकर है। वे कहती हैं कि अभी पता नहीं ये सड़क क्यों तोड़ दी गई, तोडऩे के बाद भी यहां के लोगों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तो करनी थी।

इनकम टैक्स गोलंबर से बांस घाट तक है मंदिरी नाला


मंदिरी नाला की बात करें तो इसे नाला की जगह नहर कहना ज्यादा सही होगा। यह नाला इनकम टैक्स गोलंबर से शुरू होकर बांस घाट काली मंदिर तक जाता है। डेढ़ से दो किलोमीटर लम्बे इस नाले पर दो लेन की ढलाई सड़क बननी है। वहीं नाला की बाएं साइड में जो सड़क पहले से बनी थी उसे भी तोड़ कर सर्विस लेन में बदला जायेगा। वहीं एरिया की सीवर लाइन भी इसी सर्विस लेन सड़क के नीचे से होकर गुजरेगी।

87 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को जून में होना था पूरा
87 करोड़ के नाला निर्माण प्रोजेक्ट को वर्तमान जून मेें ही पूरा कर लेना था। लेकिन अब इसे अब अगले साल जनवरी तक पूरा कर लेने का दावा निर्माण कंपनी राज कैनबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा की जा रही हैै।

1289 मीटर में 600 मीटर काम पूरा


निर्माण एजेंसी के इंजीनियरों के अनुसार 1289 मीटर लम्बे इस प्रोजेक्ट पर 600 मीटर का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी काम भी जल्द पूरा करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन लोकल रेसिडेंट कंपनी की मंशा पर सवाल उठाते हैं। लोकल रेसिडेंट के अनुसार वे पिछले दस महीने से बड़े बुरे हाल में हैं। काम भी केवल दिन में ही चलता है। कंपनी जो फिलहाल काम कर रही है उसे लीड करने वाला कोई भी योग्य अधिकारी साइट पर दिखते नहीं हैं। इस वजह से साइट पर स्टाफ मनमानी तरीके से जहां पाते हैं वहीं खुदाई कर देते हैं। जिससे लोगों को आवाजाही में भी काफी परेशानी होती है।

सड़क को तोडऩे का फैसला गलत


लोकल रेसिडेंट के अनुसार नाला के लास्ट दीवार से मुहल्ले की सड़क की दूरी करीब 20 मीटर होगी। पहले नाला निर्माण काम पूरा हो जाना चाहिए था। तब सर्विस लेन और सीवर प्लान के लिए इस सड़क को तोड़ा जाता तब बात समझ में आती। लेकिन यहां जिस तरीके से साउथ मंदिरी नाला रोड को तोड़ा गया है उससे कई घरों की नींव तक हिल गई है।

सैकड़ों दुकान व प्रतिष्ठान बंद


मंदिरी नाला के पैरलल जाने वाली सड़क पर सैकड़ों दुकानें हुआ करती थी। यहां लोगों का अच्छा बिजनेस चलता था। लेकिन अब इन दुकानों तक पहुंचने के लिए लोगों को हिम्मत जुटा कर आना पड़ता है। ज्यादातर दुकानें बंद हो गई है। कुछ दुकानें हैं भी तो वे चल नहीं रही है। क्योंकि कस्टमर उस रोड से जोखिम उठाकर वहां पहुंचते ही नहीं हैं।

लोगों के कोट


1 कंपनी का काम मनमानी तरीके से चल रहा है। जहां मन किया तोड़ दिया। अभी नाले के पैरलल चलने वाली सड़क को तोडऩे की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन जानबूझ कर तोड़ी गई।
-नीतीश कुमार, रेसिडेंट मंदिरी नाला एरिया

2 यहां एजेंसी का काम धीमा चल रहा है। उनके दुकान के सामने एक बड़ी सीवरेज पाइप रख दी गई है। जिससे उनके दुकान में रेगुलर कस्टमर नहीं आते हैं।
-शहबाज अल्बी, मंदिरी नाला रोड में फ्लेक्स प्रिंटिंग चलाने वाले

3 रोड टूटने के बाद आने-जाने में दिक्कतें तो हो ही रही है। इसके अलावा व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप है। सबसे ज्यादा दिक्कतें सामान की ढ़़ुलाई को लेकर हो रही है।
-रूपेश कुमार, आईटी स्टोर ऑनर

4 मेन दिक्कत तो बारिश शुरू होने के बाद होगी। अभी जो टूटी हुई सड़क है वह और भी दरक कर नाले में चली जायेगी। उस समय नाले के पानी की कटाव से घरों के गिरने का भी खतरा है।
-शेखर कुमार, मंदिरी नाला रेसिडेंट

वर्जन


सड़क के नीचे बालू भरा हुआ था। जब नाले की खुदाई शुरू की गई तो सड़क दरक का टूटने लगी। जिसके बाद संभावित दुर्घटना से बचने के लिए उसे तोड़ा गया। हमारी कंपनी द्वारा इस प्रोजेक्ट पर जून में ही काम खत्म कर लेना था। लेकिन अब हमलोग जनवरी तक इसे खत्म कर लेंगे।
-रवि कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर
राज कैनबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड