पटना ब्‍यूरो। Patna News: रवि को हमेशा इस बात का डर सताता है कि कभी यह स्लैब अगर टूटा तो फिर क्या होगा। क्योंकि नीचे अगर आप नजर दौड़ाए तो नाला के रूप मेें सीधे आपका सामना मौत के कुआं से होगा। रवि के साथ इस हॉस्पिटल में काम करने वाले दर्जनों अन्य स्टॉफ का भी यही दर्द है।

एक हजार से अधिक घरों के आगे मौत का कुआं

बिग्रहपुर से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर तक न्यू बाइपास की बात करें तो तीन किलोमिटर के स्ट्रेच में तकरीबन दो हजार से उपर घर बने होंगे। जिनके घरों के आगे विशाल नाला खुदा है। यह नाला वैसे तो काफी पहले से है लेकिन इसके मौत का कुआं में ट्रांसफार्म होने की भी अपनी एक कहानी है। पटना में मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू होना लोगों के लिए एक सपना सच होने की तरह था। लेकिन बाइपास पर लोगों के लिए यह किसी बुरे सपने की तरह था। क्योंकि यह लोग बारिश के समय में जल जमाव के बदतर स्थिति का काफी पहले से सामाना करते आ रहे थे। दूसरी तरफ मेट्रो निर्माण के लिए तीन साल पहले की गई खुदाई ने इनके घरों की न केवल नींव हिलाकर रख दी।

हॉस्पिटल से लेकर कॉमर्सियल हब तक सभी है इफेक्टेड

पटना न्यू बाइपास अब किसी भी तरह से बाइपास नहीं रहा है। क्योंकि इसके दोनों ओर सिटी का एक्सटेंशन हो गया है। खासकर न्यू बाइपास के दोनों ओर बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान से लेकर हॉस्पिटल तक संचालित हो रहा है। न्यू बाइपास नाला के किनारे 100 से अधिक हॉस्पिटल और हजारों की संख्या में कॉमर्सियल सेंटर संचालित हो रहे हैं। न्यू बाइपास नाला के किनारे बने इन हॉस्पिटल और बिजनेस हब में जाने के लिए लोहे से लेकर बांस के ठठरी के स्लैब का बतौर पूल के रुप में लोग इस्तेमाल करते हैं। इन स्लैब पर से होकर ने केवल लोग आते जाते हैं। बल्कि फोर और टू व्हीलर गाडिय़ां भी आती जाती है जो किसी भी सुरत में खतरे से खाली नहीं है।

वर्ष 2022 से पक्कीकरण की राह देख रहे हैं लोग

वर्ष 2022 में न्यू बाइपास नाला के पक्कीकरण का प्रस्ताव था। उस समय यह बात भी सामने आई थी कि अक्टूबर 2022 में इस पर काम शुरू हो गया जायेगा। इसे आरआरसी ड्रेन के रुप में नंदलाल छपरा से लकर बेउर तक डेवलप किया जाना है। लेकिन अब 2024 आधा से अधिक गुजर चुका है। लेकिन यह नाला आज भी कच्चे हाल में लोगों को डरा रहा है।

लोगों का वर्जन

1 आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोहे के स्लैब हमेशा के लिए कभी स्थाई समाधान का रुप नहीं ले सकता है। नाले का दोनों ओर पक्कीकरण ही इसका हल हो सकता है।
रवि कुमार
पटना

2 उन्हें अपने फोर व्हीलर के लिए इन्हीं लोहे के स्लैब से होकर गुजरना पड़ता है। जो कि मुहल्ले के लोगों के सहयोग से मिलाकर लगाया गया था। उम्मीद थी कि लोगों का जल्द स्थाई समाधान मिलेगा। लेकिन अभी तक इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है।
बृजकिशोर सिंह
पटना ट्रांसपोर्ट नगर

वर्जन

न्यू बाइपास नाला का कंस्ट्रक्शन वर्क फिलहाल मेट्रो की वजह से रूका हुआ है। इस मामले में निर्माण काम जरूर प्रस्तावित है। डिटेल्स जल्द लोगों के सामने आयेगा।
विवेक कुमार
बुडको पीआरओ