पटना ब्यूरो।
राजधानी पटना में ऐसी कई जगहों पर अनसेफ स्ट्रीट फूड जोन चल रहे हैं जहां लोग अपनी जान जोखिम में डाल जायका का मजा ले रहे हैं। यहां पर सवाल केवल खाने की शुद्धता को लेकर ही नहीं है। बल्कि सड़कों पर सिक्यूरिटी और सेफ्टी का भी है। पटना में जहां-जहां भी स्ट्रीट फूड जोन संचालित किया जा रहा है वहां गुणवत्ता और स्वच्छता के साथ-साथ सेफ्टी और सिक्यूरिटी का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। अनसेफ का फिलिंग आपको हर जगह आता होगा।
क्वालिटी और प्यूरिटी ध्यान नहीं
खाने-पीने की चीजों के लिए उसकी क्वालिटी और प्यूरिटी का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए फूड स्टैंडर्ड ऑथरिटी ऑफ इंडिया से प्रमाणित होना जरूरी है। इसके बाद ही खाने-पीने की चीजों को बेचने के लिए एक अधिकृत विक्रेता हो सकता है। लेकिन यहां पर ज्यादातर स्ट्रीट फूड जोन में खाने-पीने की चीजें बेचने वाले लोगों के पास इसका कोई लाइसेंस नहीं है। जो भी चीजें बेची जा रही हैं उसकी क्वालिटी और प्यूरिटी को जांचने के लिए कोई प्रमाणित एजेंसी ध्यान भी नहीं दे रही है।
कस्टमर और वेेंडर्स का अनसेफ महौल
पटना के गंगा पथ-वे पर लगने वाला स्ट्रीट फूड जोन फिलहाल पटना का सबसे बड़ा फूड जोन एरिया है। जहां कि हजारों की संख्या में वेंडर्स सैकड़ों तरह के खाने-पीने की चीजें बेचते हैं। लेकिन यहां पर नियमों के अभाव में दुकानदारों के बीच अक्सर मारपीट की नौबत आ जाती है। इसके अलावा वहां पर ट्रैफिक इश्यू से लेकर वाहनों की आवाजाही से दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर का हो रहा यूज
गंगा पथ पर फूड वेडिंग जोन में लोगों की भीड़ दिनों दिन बढ़ते ही जा रही है। शाम सात बजे से दस बजे के बीच वहां पर सबसे अधिक रस होता है। लेकिन इन भीड़-भाड़ में वहां कई तरह के दुघर्टना की संभावना बनी रहती है। यहां कई सारे भट्टी हैं जो बिल्कुल अनसेफ तरीके से चलाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से आग लगने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं बहुत सारे ऐसे भी वेंडर हैं जो कॉमर्शियल एलपीजी के जगह घरेलू सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
एक्सीडेंट की बनी रहती है संभावना
पटना के तारामंडल के पास लगने वाला स्ट्रीट फूड जोन भी काफी फेमस है। लेकिन यह कभी मौर्या लोक में लगा करता है। फिर निगम के अधिकारियों ने वहां से हटा दिया। जिसके बाद वेंडरों ने नेहरू पथ के तारामंडल के पास इसे लगाना शुरू कर दिया। लेकिन यहां पर स्पेश कम होने और नेहरू पथ पर लगातार गाडिय़ों की आवाजाही होने से एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है। इससे सबसे ज्यादा खतरा यहां पर आने-जाने वाले लोगों को होती है। उन्हें गाडिय़ां लगाने की जगह नहीं मिलती है।
पटना में स्ट्रीट फूड हब का फ्यूचर
पटना में स्ट्रीट फूड के फ्यूचर की बात करें तो यहां पर काफी लोग हैं जो शाम में घरों से निकल कर स्ट्रीट फूड जोन में आकर जायके का लुत्फ उठाना चाहते हैं। लेकिन अनसेफ महौल की वजह से लोग इसे अपने आप के लिए सेफ नहीं मानते हैं। वहीं निगम की ओर से बार-बार वेंडिग जोन को लेकर बातें की जाती हैं। लेकिन कोई बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं की जाती है। जून महीने में टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में कुछ निर्णय लिए गए थे। नगर आयुक्त ने कहा था कि वेंडरों को वार्डवार स्थान चिह्नित कर दिया जाएगा। इसके अलावा वेंडरों से कहा गया कि बेली रोड पर सुबह 05 से 09 बजे और शाम 07 से 10 बजे तक ही दुकानें लगेगी ताकि यातायात बाधित न हो। लेकिन अभी तक न तो वार्ड बार वेंडिंग जोन की व्यवस्था नहीं की गई है।
फायर सेफ्टी को लेकर क्या-क्या व्यवस्था होनी चाहिए
स्ट्रीट फूड जोन के पास फायर सेफ्टी को लेकर हाइड्रेंट का होना जरूरी है। हाइड्रेंट का मतलब किसी नजदीकी जल स्त्रोत है। अगर वहां पर कोई नजदीकी जल स्त्रोत नहीं है तो फिर निगम की तरह से बोरिंग करके इसकी व्यवस्था की जाती है। क्योंकि आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां पानी खत्म होने की स्थिति में वहां से आसानी से पानी ले सके।
वर्जन
फायर डिपार्टमेंट का परमिशन लेना अनिवार्य है। परमिशन के लिए स्ट्रीट फूड वेंडरों के लिए एबीसी पाउडर, फायर स्ट्रींगर और सीओ टू गैस का होना जरूरी है। फायर डिपार्टमेंट निगम के कहने पर इन वेंडिंग जोन का फायर ऑडिट भी कराया जाता है। जिसमें स्ट्रीट वेंडरों को फायर लाइसेंस दिया जाता है। फायर सेफ्टी नॉर्मस का पालन नहीं करने पर लाइसेंस कैंसिल भी हो सकता है।
विद्यासागर
असिस्टेंट डायरेक्टर
स्टेट फायर डिपार्टमेंट