पटना ब्यूरो। Patna News: शेखपुरा जिले में जहां अपराधियों ने एक्सिस बैंक में डकैती कर 29 लाख रुपये लूट लिये वहीं पश्चिम चंपारण में सीएसपी केंद्र से पांच लाख की लूट की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि नए आपराधिक कानून के तहत पहली प्राथमिकी (एफआइआर) गया के राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) थाने में दर्ज की गई। यह प्राथमिकी 144/2024 चोरी के मामले में दर्ज की गई जिसके लिए धारा 313/317 (5) लगाई गई। जबकि पटना में पहला केस बाढ़ थाना में दर्ज किया गया है। जिसमें मां ने बेटी के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। वहीं गिरिश चंद्र दास की स्कूटी पटना के आर ब्लॉक चौराहा से चोरी हो गई थी। उन्होंने भी इस मामले में सचिवालय थाना में केस दर्ज कराया है। उनका केस भी नए एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। इसके अलावा नए कानून लागू होने को लेकर पहले दिन राज्य के लगभग 1300 थानों में कानून की पाठशाला लगाई गई जिसमें थानाध्यक्षों व अन्य पुलिसकर्मियों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को नए कानून की जानकारी दी गई।
नए कानून के तहत होगी प्राथमिकी
अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) संजय ङ्क्षसह ने बताया कि अब सभी प्राथमिकी और कार्रवाई नए कानून के तहत ही की जाएगी। सभी पुलिस थानों में नागरिकों को बुलाकर नए कानून के तहत मिलने वाले अधिकार और सुविधा आदि की जानकारी दी गई है। नए आपराधिक कानून के अंतर्गत किए गए बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका भी उपलब्ध कराई गई है, जिसका वितरण लोगों में किया जा रहा है। नए कानून लागू होने के बाद दस तरह के नए प्रपत्र (फार्म) भी अधिसूचित किए गए हैं। इनमें एफआइआर फार्म, जीरो एफआइआर, फाइनल रिपोर्ट, तलाशी और जब्ती फार्म, गिरफ्तारी व कोर्ट सरेंडर मेमो, एफएसएल निरीक्षण के लिए मांगपत्र आदि शामिल हैं।
हर जिले में मोबाइल फोरेंसिक साइंस यूनिट
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, नए कानून लागू होने के बाद सात वर्ष या अधिक सजा वाले आपराधिक कांडों में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से जांच अनिवार्य करा दिया गया है। इसको लेकर प्रत्येक जिले में मोबाइल फोरेंसिक साइंस यूनिट की व्यवस्था की गई है जिसके लिए विधि-विज्ञान विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पटना में राज्य के विधि-विज्ञान प्रयोगशाला में भी 24 घंटे नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। एफएसएल वैज्ञानिकों के घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण करने के लिए नियंत्रण कक्ष का दूरभाष संख्या और टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है।
प्रत्येक पुलिस जिले में नियंत्रण कक्ष
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 37 के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय एवं प्रत्येक पुलिस जिला में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इसमें प्रत्येक जिले एवं प्रत्येक थाने के लिए एक पुलिस पदाधिकारी को विशेष रूप से नामित किया गया है। इनकी जिम्मेदारी गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम, पता एवं उनके अपराध की प्रकृति के बारे में जानकारी अपडेट करना होगी। इसे जिला मुख्यालय एवं पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शित किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय को भी इससे जुड़ी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
थाना की लाइव रिपोर्ट
पाटलीपुत्र थाना
नये कानून लागू होने के बाद पाटलीपुत्र थाना में एक जुलाई का दिन सामान्य दिनों की तरह ही रहा। नये कानून को लेकर पुलिस कर्मियों और सिविल सोसायटी के बीच यहां पर भी परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। थाना एसएचओ राज किशोर ने बताया कि पहले दिन यहां पर सभी कुछ सामान्य है। ओडी ड्यूटी में नए कानून के तहत केस दर्ज करने के लिए पुलिस ऑफिसर तैयार हैं।
एसके पूरी थाना
एसके पूरी थाना में अन्य दिनों के अपेक्षा कुछ अधिक चहल-पहल देखने को मिली। यहां पर चैनपुर मुहल्ले के कुछ लोग आए हुए थे। थाना में बैठे दिनेश कुमार ने बताया कि वे चैनपुरा मुहल्ले के रहने वाले हैं। उनके भाई ने मारपीट की थी। लेकिन अब वे इस मामले में समझौता कर रहे हैं। एसके पूरी एसएचओ पंकज कुमार ने बताया कि यहां पर नए कानून के तहत केस दर्ज करने के लिए हमारी पूरी तैयारी है। नए कानून के तहत ट्रेंड पुलिस कर्मियों को ओडी ड्यूटी में लगाया गया है।
पुलिस ने सिविल सोसायटी को किया ब्रीफ
इस मौके पर पटना के सभी थाना में पब्लिक और पुलिस के बीच वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस की ओर से सिविल सोसायटी के लोगों, महिलाओं और स्टूडेंट को नये कानून के बारे में ब्रीफ किया गया। इसके लिए बाकायदा तैयारी की गई थी। सिविल सोसायटी के लोगों की ओर से इस मामले में पुलिस कर्मियों के सामने अपनी कंसर्न को भी रखा गया। पुलिस की ओर से इस मामले लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की गई। 11 बजे से शुरू हुआ वर्कशॉप सभी थाना में एक घंटे तक चली।