पटना ब्‍यूरो। राज्य के शहरों में ट्रैफिक नियंत्रण से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस गश्ती में अब नए चमचमाते पुलिस वाहन नजर आएंगे। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जिन 117 पुलिस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, उनमें सर्वाधिक 56 वाहन यातायात थानों को मिले हैं। इसके अलावा 38 वाहन मानव तस्करी रोकने और 23 वाहन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पेट्रोलिंग में लगाए जाएंगे।

आटोमैटिक चालान कर सकेंगे

पुलिस मुख्यालय के राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत एनएच-28 छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा, एनएच-30 पटना-बख्तियारपुर, एनएच-31 बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी और एनएच-57 मुजफ्फरपुर-दरभंगा-फारबिसगंज व पूर्णिया के बीच रिकार्ड की गई है। ऐसे में इन चार एनएच पर कुल 1125 किमी की दूरी की निगरानी के लिए 23 राजमार्ग गश्ती वाहन लगाए जाएंगे। प्रत्येक 50 किमी पर एक वाहन गश्ती करेगा। यह वाहन फोरडी स्पीड रडार और कैमरों से लैस होंगे जो आटोमैटिक चालान निर्गत कर सकेंगे। इसके साथ ही आपात स्थिति के लिए वाहन में गैस कङ्क्षटग मशीन, ट्रैफिक कोन, फोल्डेबल स्ट्रेचर आदि उपकरण भी होंगे। इन वाहनों को डायल-112 से जोड़ा गया है, जो एनएच पर दुर्घटना होने पर फस्र्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा एनएच पर हादसे रोकने के लिए राजमार्ग पेट्रोल योजना के तहत 1560 मानव बल की स्वीकृति भी दी गई है।

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मानव तस्करी रोकने को हर जिले में एक वाहन

राज्य के सभी जिलों में मानव तस्करी रोकने के लिए अलग इकाई का गठन किया गया है। इन इकाइयों के लिए 38 वाहन दिए जाएंगे। यानी प्रत्येक जिले में मानव तस्करी रोकने को एक-एक वाहन लगाया जाएगा। इसके अलावा राज्य के 28 जिलों में हाल ही में बनाए गए ट्रैफिक थानों के लिए दो-दो वाहनों उपलब्ध कराए जाएंगे।