पटना ब्यूरो।
आज हम एक ऐसे ही कैमरा मैन की बात यहां पर करने वाले हैं जिन्होंने चीजों को न केवल स्क्रीन पर उतारा बल्कि उन्हें जीवंत भी बनाया। जी हम बात कर रहे हैं मागेश के कृष्णाजी राव की। जिन्होंने उस दौर में कैमरे का हाथ थामा था जब हमारे सामने एक विकल्प के तौर पर केवल दूरदर्शन ही उपलब्ध होता था।
माइनस 60 डिग्री तापमान में भी की नहीं छोड़ा कैमरे का साथ
अंटार्कटिका के माईनस 60 डिग्री तापमान वाले मुश्किल हालात हो, या फिर लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री का संबोधन.खेल के मैदान में गेंद की उछलकूद हो या फिर हॉकी स्टिक का जोर , हर बारिक दृश्यों को चौकन्ने हो वो दूरदर्शन के कैमरे में बखुबी उतार देते हैं। दृश्य भी एक से बढकर एक। टॉस के लिए हवा में उछाल सिक्का का क्लोजअप या फिर जीत के जोश में उछलते खिलाड़ी की खुशी ,या फिर नेट पर अचानक आ टपका बॉल । हर पहर खुद की चौकन्नी नजर को कैमरे की नजर बना दुनिया भर से , दुनिया भर के लिए ,सजीव तस्वीरें भेजते रहते हैं। इस मलाल के बिना कि दूसरों को नायक बनाने वाली यह नजर हमेशा कैमरे के पीछे ही रहती है। आज कहानी कैमरे को जीवन बना दुनिया भर के महत्वपूर्ण देशों में आयोजित कार्यक्रमों और खेलों को कैमरे में संजीदगी से कैद कर उसे जीवंत कर देने वाले दूरदर्शन के वरिष्ठ कैमरा पर्सन 'मागेश केÓ कहते हैं कि यह सब चुनौतीपूर्ण था। लेकिन इसी में रोमांच भी था। उस समय कपिल सिब्बल वहां दौरे पर जा रहे थे। मुझसे पहले कई लोगों ने यहां जाने के लिए कुछ बहाने बना, इसे टाल दिया था। कारण वहां जाना काफी चुनौतीपूर्ण था। आपको माईनस 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहना है .वह भी कैमरे के साथ। हर और बस बर्फ ही बर्फ होगी। मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया, और वहां जाकर तमाम चुनौतियां के बीच तस्वीरें बनाई। इस यात्रा ने मुझे मन से मजबूत कर दिया। मुझमें प्रखरता भर दी। आज भी मैं 12 घंटे लगातार कैमरा कर सकता हूं।
मागेश के कृष्णाजी राव आज डीडी स्पोर्ट्स के सीनियर कैमरा पर्सन है
अब तक अपने कैमरे से देश -विदेश में आयोजित कई ओलंपिक खेलों को अपनी टीम के साथ कवर कर चुके हैं। खेल की दुनिया में छायांकन की हर बारिकियों में उन्हें महारत हासिल है। इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस समारोह, जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा समेत कई अन्य महत्वपूर्ण इवेंट का भी छायांकन मागेश ने किया है।
कैमरे के लिए डिजाइन किया अनोखा कवर
मागेश के बताते हैं कि अंटार्कटिका में छायांकन के लिए कैमरे की बैटरी को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती थी। इतने कम तापमान पर बैटरी काम करती रहे इसके लिए मैंने काफी रिसर्च कर खुद से एक कवर डिजाइन किया। इसके लिए दिल्ली के स्थानीय बाजार से जाकर सामग्री खरीदी और उसे सिलवा कर तैयार किया। ईश्वर का शुक्रिया कि मेरा आइडिया एक दम काम कर गया। माइनस 60 डिग्री तापमान में मेरे कैमरे की बैटरी सुरक्षित थी।
लंदन हो या बीजिंग हर जगह मौजूदगी
मागेश एक खेल छायाकार के तौर पर दुनिया के कई देशों में अपने छायांकन का जादू बिखेर चुके हैं। वे बताते हैं कि मैंने एशियन गेम के लिए कतर में इवेंट कवर किया। चीन में ओलंपिक के दौरान बीजिंग में ओलंपिक गेम को कवर करने की मुझे जिम्मेदारी मिली और मैंने इसे कुशलतापूर्वक निभाया। इसके बाद चीन में फिर एशियन गेम को कवर किया। वह आगे बताते हैं कि मैंने लंदन में ओलंपिक को कवर किया। जहां- जहां दूरदर्शन की ओर से खेलों का कवरेज होता है वहां मेरी मौजूदगी होती है चाहे वह रांची हो या फिर लंदन। इसी प्रोफेशनल के कारण मैंने खेल के साथ दुनिया को देखा, जाना और समझा है। इसका बड़ा श्रेय दूरदर्शन को जाता है।
इंटरनेशनल कार रैली किया कवर
मागेश ने अनोखे कार रैली को भी कवर किया । यह कार रैली पांच देशों से होकर गुजरी थी। इसकी शुरुआत अरूणांचल प्रदेश से हुई थी। हम सड़क मार्ग से मणिपुर से म्यांमार होते हुए पांच देशों की यात्रा कर थाईलैंड पहुंची थी। इस कर रैली का कवरेज भी काफी यादगार रहा।