पटना ब्‍यूरो। जन्माष्टमी का त्योहार नजदीक है और भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस पावन पर्व पर लोग अपने घरों में विशेष सजावट, पूजा-अर्चना और लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं। इसके लिए बाजार भी पूरी तरह से तैयार है। लड्डू गोपाल के लिए सोफा सेट, इत्र, झूला और भी बहुत कुछ से बाजार पटा पड़ा है। लड्डू गोपाल के लिए विशेष झूलों की मांग हर साल बढ़ती जा रही है। इस बार बाजार में विभिन्न प्रकार के झूले उपलब्ध हैं। कुछ पारंपरिक डिजाइनों में हैं, तो कुछ मॉडर्न टच के साथ। इसके अलावा सोफा सेट भी एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है, जिसमें आप लड्डू गोपाल को आराम से बिठा सकते हैं। ये सेट विभिन्न आकार और डिज़ाइनों में उपलब्ध हैं, जो आपके पूजा स्थान की शोभा बढ़ाते हैं।

शुभ इत्र और वस्त्र
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल के लिए इत्र का उपयोग उनकी पूजा को और भी पवित्र और मंगलमयी बनाता है। विभिन्न प्रकार के फूलों और जड़ी-बूटियों से बने इत्र बाजार में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, उनके लिए विभिन्न प्रकार के वस्त्र भी खरीदे जा सकते हैं जिनमें रंग-बिरंगे पोशाक और मखमली वस्त्र शामिल हैं।


लड्डू गोपाल के लिए विशेष बिस्तर
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर लड्डू गोपाल के लिए विशेष बिस्तर और वस्त्र भी बाजार में उपलब्ध हैं। बिस्तर सेट में नर्म और सुंदर गद्दे, तकिये और चादर शामिल हैं, जो भगवान की सेवा और आराम के लिए बनाए गए हैं। इसके साथ ही, विभिन्न रंगों और डिजाइनों में उपलब्ध वस्त्र लड्डू गोपाल की शोभा को बढ़ाते हैं। इन वस्त्रों में मखमली, रेशमी और पारंपरिक पोशाक शामिल हैं जो उनकी पूजा और सजावट को और भी पवित्र बनाते हैं।


बाजारों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
इस बार भगवान श्री कृष्ण के रंग- बिरंगी लाइटों से सजे स्वरूप भी बिक रहे हैं। बाजार में झूले व लड्डू गोपाल लेने आई महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि घर में जन्माष्टमी पर्व मनाने के लिए झूला व अन्य सामान लेने के लिए आई हैं। हर वर्ष इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।

लोग ऑर्डर देकर बनवा रहे अपने बच्चों के लिए पोशाक
बाजार में इस समय लड्डू गोपाल के स्वरूप की जमकर खरीदारी हो रही है। श्रद्धालु प्रीति ने कहा कि गीता भवन व बाजार में लड्डू गोपाल के छोटे से लेकर बड़े साइज तक विभिन्न प्रकार के खूबसूरत कपड़े उपलब्ध हैं। इसके अलावा, सुंदर परिधान को भी लोग खरीद रहे हैं। विनोद कुमार ने कहा कि लोग अपने बच्चों के लिए श्री कृष्ण की पोशाक बनाने के लिए ऑर्डर दे रहे हैं। इतना ही नहीं लड्डू गोपाल और राधा रानी के श्रृंगार के लिए मथुरा, वृंदावन, कोलकाता और उदयपुर से विभिन्न वैरायटी आई हैं।

बाल राधा का चलन बढ़ा
व्यापारी अजय बरनवाल ने बताया कि पिछले दो सालों से बाल गोपाल सहित बाल राधा का चलन भी बढ़ गया है। जो व्यक्ति बाल गोपाल की मूर्ति खरीद रहा है, वह साथ में बाल राधा की मूर्ति लेना भी नहीं भूल रहा है।

इन चीजों के बिना अधूरा है कान्हा का भोग
जन्‍माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल जी को लोग तरह-तरह के भोग अर्पित करते हैं। हर कोई प्रयास करता है कि कान्हा की पूजा में जरा सी भी चूक न हो, जिसके चलते लोग काफी समय पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप श्रीकृष्ण की पूर्ण कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको उनका मनपसंद भोग अवश्य अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि धनिया की पंजीरी, पंचामृत, खीरा और तुलसीदल के बिना भगवान कृष्ण का भोग अधूरा रहता है। साथ ही इन्हें अर्पित करने से 56 भोग के बराबर फल प्राप्त होता है और लड्डूगोपाल जी भी प्रसन्न होते हैं।