पटना ब्‍यूरो।

जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। डीएम ने कोचिंग संचालकों से भविष्य की योजना पर काम करने की अपील करते हुए कहा कि कोचिंग को शहर के बाहर शिफ्ट करने के बारे में विचार करना चाहिए। शहर का सभी ओर विस्तार हो रहा है। ऐसे में किसी ऐसे एरिया में कोचिंग संचालक अपने आप को शिफ्ट करें और उस एरिया को कोचिंग इंडस्ट्री के तौर पर डेवलप कर सकते हैं। प्रशासन इस मामले में उनकी पर्याप्त मदद करेगी। कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु बैठक आयोजित किया गया था। समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित इस बैठक में एसएसपी राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम अनिमेष कुमार पराशर, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी नगर कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित रहेे।

बिल्डिंग बायलॉज का हो पालन


डीएम ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रशासन के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह सभी स्टेकहोल्डर्स यथा कोचिंग संचालकों, पदाधिकारियों तथा अभिभावकों की सम्मिलित जिम्मेदारी है। प्रवेश एवं निकास द्वार की अवरोध मुक्त व्यवस्था हर हाल में रहनी चाहिए। कोचिंग संस्थानों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। फायर एक्जिट एवं आकस्मिक स्थिति से निपटने की सुदृढ़ व्यवस्था रहनी चाहिए।

लंबित रजिस्ट्रेशन के मामलों का दो सप्ताह में हो निपटारा


डीएम डॉ। सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थानों का विधिवत निबंधन एवं प्रावधानों के अनुसार नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि कोचिंग संस्थानों के निबंधन संबंधी लंबित आवेदनों को दो सप्ताह में निष्पादित करते हुए फ्र श आवेदनों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर निष्पादन सुनिश्चित करें। जिन-जिन संस्थानों द्वारा निबंधन नहीं कराया गया है उन्हें इसके लिए शीघ्र आवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। साथ ही कोचिंग संचालन हेतु मानकों का सम्पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संचालकों को एक महीना का समय दिया गया है।

ओवरक्राउडेड से बचें कोचिंग संचालक


डीएम ने कोचिंग संचालकों से कहा है कि स्पेश के हिसाब से ही छात्रों को एडमिशन दें। प्रावधानों के अनुसार एक विद्यार्थी के लिए क्लासरूम में एक वर्गमीटर की जगह होनी चाहिए। इसका अनुपालन संस्थानों के संचालकों एवं प्रबंधकों द्वारा किया जाना आवश्यक है। क्लासरूम में एक समय में क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को बैठाने पर रोक लगाया जाए।


इंडस्ट्रीयल एरिया में जमीन उपलब्ध कराने की मांग
बैठक में कोचिंग संचालकों ने भी अपनी बात रखी। कोचिंग संचालकों की ओर से कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में काफी विलम्ब होता है। इसके अलावा संचालकों ने बियडा के अंतर्गत इंडस्ट्रीयल एरिया में कोचिंग संचालकों को जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई ताकि शहर के बीच से कोचिंग को स्पेश वाले एरिया में शिफ्ट किया जा सके।