पटना ब्यूरो।
जहां छात्र कोचिंग संस्थानों के बदतर स्थिति के बारे में बता रहे हैं और इन कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले में पटना की बात करें तो यहां भी स्थिति कोई दिल्ली से अलग नहीं है। यहां पर भी कई कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी बेसमेंट में चलाया जा रहा है। पटना का मुसल्लापुर हाट, कंकड़बाग, सैदपुर, भीखना पहाड़ी एरिया में हजारों की संख्या में कोचिंग संचालित है। लेकिन यहां पर छात्रों के लिए नाम मात्र की सुविधाएं नहीं है। कुछ कोचिंग संस्थाएं तो ऐसी है जो बिलकुल बिल्डिंग के नीचे बेसमेंट से चलाया जा रहा है।
अगर आग लग जाए तो बचना मुश्किल
बहुत सारे ऐसे कोचिंग संस्थान है जिसमें हजार से लेकर पांच हजार तक बच्चे बैठते हैं। इंट्री और निकास की बात करें तो महज एक या दो ही हैं। क्लास खत्म होने के बाद छात्रों को निकलने में आधा घंटा का समय लग जाते हैं। तो इससे जाहिर होता है कि इमरजेंसी के हालात में छात्रों के पास कोई विकल्प नहीं होगा। बिल्डिंग बॉयलॉज और बिहार कोचिंग रजिस्ट्रेशन एक्ट के अनुसार प्रवेश से लेकर निकास तक की परोपर व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन 90 प्रतिशत कोचिंग संस्थान इन मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं।
दिल्ली हादसे के बाद पटना में भी कोचिंग संस्थान की जांच शुरू
दिल्ली हादसे के बाद पटना प्रशासन की भी नींद खुल गई है। पटना में 20 हजार संचालित कोचिंग की जांच होगी। इसके लिए बकायदा छह टीम बनाई गई है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया है कि यह टीम पूरे पटना में छह टीम इस लिए बनाई गई है। यह टीम अनुमंडल स्तर पर बनाई गई है। इसमें बीईओ, सीओ, फायर ऑफिसर और संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष शामिल हैं। आदेश के अनुसार, टीम कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन, प्रवेश, निकास की व्यवस्था, सुरक्षा मानकों, बिल्डिंग बायलॉज, फायर सेफ्टी, इमरजेंसी हालात से निपटने की व्यवस्था की जांच करेगी। व्यवस्था ठीक नहीं होने पर जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगी। बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक बेसमेंट में चलाए जा रहे राव यूपीएससी कोचिंग सेंटर में अचानक पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इन छात्रों की पहचान तानिया सोनी, श्रेया यादव और नवीन डेल्विन के रूप में हुई। तानिया सोनी का संबंध बिहार से ही था। वो बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली थी। दिल्ली वो आईएएस बनने का सपना लिए आई थी और इसी को पूरा करने के लिए जी जान से जुटी थी। लेकिन अचानक नाले का पानी बेसमेंट में चल रहे कोचिंग में भर जाने के चलते उनकी डूबने से मौत हो गई थी।
वर्जन
दिल्ली जैसा हादसा पटना में न हो। इसलिए कोचिंग संस्थान के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है। फायर सेफ्टी से लेकर वेंटिलेशन व अन्य मानकों की जांच की जायेगी। अगर कोचिंग मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं तब उनके खिलाफ बिहार कोचिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी।
चंद्रशेखर सिंह
डीएम पटना