PATNA : लालू के महारैला में सैकड़ों कुर्सियां टूट गई, दर्जनों टेबल डैमेज हो गए। भीड़ के उत्साह ने जमकर बैरिकेटिंग तोड़ी लेकिन, आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि टेंट वाले को कोई हर्जाना नहीं चाहिए। वह दिन भर गांधी मैदान में अपना सामान समेटता रहा। जब उससे पूछा गया कि बड़ा नुकसान हो गया आपका तो उसका जवाब था अरे साहब, घर के कार्यक्रम में भी कोई नफा नुकसान देखता है क्या? उसके इस जवाब ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या लालू का महारैला पूरी तरह प्रायोजित था? आखिर टेंट वाले ने पैसे क्यों नहीं लिए? लाखों रुपए का कोई नुकसान कैसे झेल सकता है? इन सभी सवालों के बाद एक तस्वीर गांधी मैदान की गंदगी की भी नजर आई। रविवार को जिस पोस्टर और बैनर को लोग माथे पर लगाकर आए थे, सोमवार को वह कचरे के ढेर में पड़े हुए थे।

कौन भरेगा गांधी मैदान के गड्ढे-

कमिनश्नर ऑफिस से गांधी मैदान का आवंटन किया जाता है। जिसमें नियम होता है कि मैदान जिस स्थिति में आपको दिया जाएगा, यथास्थिति में आपको वापस करना होगा। इस लालू के महारैला में सैकड़ों जगह गांधी मैदान में गड्ढे किए गए। बांस की बेरिकेटिंग करने के लिए पूरे मैदान को खोद डाला गया है। अब इस मैदान को रिपेयर कौन करेगा इसका जवाब कोई नहीं दे रहा।

महारैला की महागंदगी-

सोमवार को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का रिपोर्टर गांधी मैदान पहुंचा तो पूरे मैदान गंदगी के अंबार से पटा पड़ा था। हर ओर बैनर पोस्टर उड़ते हुए नजर आ रहे थे। खाने-पीने के सामान भी हर जगह फैले हुए थे। इस गंदगी के कारण ही सुबह और शाम को टहलने वाले लोग नहीं आए।

और ये देखिए क्या कहा ठेकेदार ने-

महारैला में टेंट का ठेका हाजीपुर की अनिल टेंट कंपनी ने लिया था। मंच बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर बुलाए गए थे। हाजीपुर की अनिल टेंट कंपनी ज्यादातर बड़े राजनीतिक और सरकारी आयोजनों का ठेका लेती है.कंपनी के मालिक अनिल कुमार से रिपोर्टर ने जब बातचीत की तो देखिए उन्होंने किस तरह जवाब दिए।

रिपोर्टर- इतनी कुर्सियां , मेज और बैरिकेटिंग टूट गई है। लगभग कितने का नुकसान हुआ होगा।

अनिल कुमार - भाई के प्रोग्राम में नफा नुकसान नहीं देखते। ये सब चलता है।

रिपोर्टर- कितने रुपए में आपका ठेका हुआ था।

अनिल कुमार- आपके घर का अगर कोई प्रोग्राम होगा तो आप उसमें पैसे रुपया की बात थोड़े करेंगे। घर के कामों में ये सब ( नुकसान) होता रहता है।

रिपोर्टर- तो लालू जी के सारे प्रोग्राम आप ही करते हैं

अनिल कुमार- हम सबका प्रोग्राम करते हैं। यही हमारा बिजनेस है।