- पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयास, दी जा रहीं तरह-तरह की रियायत
PATNA : राज्य सरकार पर्यटन रोडमैप के संबंध में माननीयों से सुझाव मांगेगी। पर्यटन विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। शीघ्र ही सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को पत्र लिखकर राय मांगने की तैयारी है। पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रोडमैप को अंतिम रूप देने से पहले माननीयों के सुझाव लेकर उस पर पहल सुनिश्चित करें। मंत्री ने कहा कि बिहार में पर्यटन की असीम संभावनाओं के मद्देनजर तैयार हो रहे पर्यटन रोडमैप में विदेशी पर्यटकों पर जोर रहेगा।
राज्य सरकार के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों ने अपने यहां के पर्यटन स्थलों और पर्यटन की संभावना वाले जगहों की सूची विस्तृत जानकारी के साथ भेज दी है। प्रदेश में नए-पुराने 900 से अधिक पर्यटन स्थलों को चिह्नित किया गया है। इन स्थलों को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारियों की सूची के आधार पर स्थलों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। चार कंपनियों के समूह केपीएमजी को रोडमैप बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार की कोशिश है कि जो विदेशी पर्यटक बिहार आएं, वे एक या दो जगह ही घूम कर न चले जाएं, बल्कि बिहार के विभिन्न जिलों में स्थित पर्यटन स्थलों पर भी जाएं और वहां ठहरें। इस पहल से राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह तभी संभव है जब पर्यटक स्थलों पर सभी प्रकार की आवश्यक सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध होंगे। पर्यटन कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए कोशिश जारी है। निवेशकों को आकर्षित करने के सारे जतन किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के खजाने से निवेशकों के बैंक कर्ज का ब्याज भरने की व्यवस्था भी गई है। हालांकि बिहार में पर्यटन की संभावनाएं अपार हैं, लेकिन निवेशक के लिहाज से कारोबार की स्थिति बेहद खराब है। इस बीच बिहार आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में उछाल जरूर आया है, किंतु निवेशकों की बेरुखी से बिहार के पर्यटन कारोबार की हालत सुधर नहीं रही। यह स्थिति तब है कि जब पर्यटन कारोबार में ख्0ख्क् तक निवेश करने वाली पर्यटन इकाइयों को राज्य सरकार ने कई तरह की सहूलियत देने का फैसला किया है। उनके कर्ज पर राज्य सरकार सालाना ब्याज का क्0 फीसद तक भरपाई करेगी। होटल और मोटेल समेत अन्य तरह के पर्यटन कारोबार पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी की सौ फीसद भरपाई का प्रावधान भी निवेशकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।