-एनसीटीई ने कॉलेजों को चेताया, करें नियम का पालन
- कालेजों को मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम 31 अगस्त तक सब्मिट करना है
PATNA :नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई)ने टीचर्स एजुकेशन इंस्टीट्यूशन यानि बीएड, एमएड कॉलेजों को नियमों के तहत रहने के लिए हाल ही में एक चेतावनी जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि संबंधित बीएड, एमएड कॉलेज मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम फ्क् अगस्त तक अपडेट कर जमा नहीं करते हैं, तो इस तिथि के बाद ऐसे कॉलेजों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मान्यता भी रद्द की जा सकती है। तथ्य यह है कि एनसीटीई शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों के गुणवत्ता में सुधार करना चाहता है। इस संबंध में सभी मामलें अब सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जा चुका है। दूसरी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक तौर पर गुणवत्ता के संबंध में कोई भी विपरीत फैसला नहीं दिया है।
क्या है मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम
मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम के अंतर्गत बीएड, एमएड कॉलेजों और उनके कर्मचारियों से संबंधित हर एक जानकारी शामिल होगी जिसमें कॉलेज के प्रदर्शन, कॉलेज की फीस, टीचर- स्टूडेंट्स रेसियो, टीचर- स्टूडेंट्स की शैक्षणिक प्रगति, प्राप्त फीस के खर्च आदि का ब्योरा आदि सहित कई अन्य छोटी- बड़ी बातें भी शामिल होंगी। जानकारी हो कि एनसीटीई ने बीते वर्ष इसके लिए बीते वर्ष अक्टूबर तक अपडेटेड जानकारी मांगी थी लेकिन अधिकांश कॉलेजों ने इसे इग्नोर कर दिया।
क्या है समस्या
जानकारी हो कि देश भर में शिक्षकों के प्रशिक्षण कॉलेज गुणवत्ता के विभिन्न मापदडों पर खरा नहीं उतरे हैं। सरकारी से अधिक प्राइवेट शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान हैं। ऐसे संस्थानों की प्राथमिकता व्यवहार में पैसा कमाना भर है। क्योंकि ये कॉलेज शिक्षक तैयार करने के नाम पर मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन आवश्यक संसाधन जुटाने और उसका प्रशिक्षण में प्रयोग करने से दूर भागते हैं। एक आंकलन के मुताबिक पिछडे़ राज्यों में खोले गए ऐसे निजी कॉलेजों की स्थिति सबसे निराशानजक है। अब मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम के माध्यम से जानकारी देने की स्थिति में इनकी खामियों का पूरा प्रमाणिक दस्तावेज तैयार हो जाएगा और संबंधित कमियों के कारण उन्हें काउंसिल युक्तिसम्मत जवाब तलब कर सकती है। कॉलेजों ने इससे बचने के लिए कोर्ट का सहारा लिया था लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।
तय समय के बाद नहीं मिलेगा मौका
एनसीटीई द्वारा कॉलेजों को जारी किये गए चेतावनी में यह स्पष्ट किया गया है कि मैनडेटरी एफिडेविट सिस्टम के तहत मांगी गई जानकारी यदि फ्क् अगस्त तक अपडेट नहीं किया गया तो इसका पालन नहीं करने वाले कॉलेजों को और समय नहीं दिया जाएगा। बल्कि कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जानकारी हो कि करीब दो माह पहले ही एनसीटीई कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइन लेकर आया था। इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कॉलेजों पर लगातार दवाब बढ़ रहा है। इसमें नियमित रूप से काउंसिल द्वारा जांच में कई खामियां स्वत: उजागर हो जाएगी।
इस सूचना के बाद कॉलेजों को सचेत हो जाना चाहिए। तय समयावधि में कॉलेज अपनी गुणवत्ता को सुधार करे।
- दीप कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर सेंट जेवियर कॉलेज ऑफ एजुकेशन