पटना ब्‍यूरो।

पटना में ऐसी कई वारदातें हुईं जिसके बाद एक बच्चे की लाश मिलती है। अगर इस तरह की पार्टियां होती रही और लाशें मिलती रहे यह कितना खतरनाक है इसका अंदाज लगाया जा सकता है। अच्छे परिवार और अच्छे स्कूलों में इन बच्चों की जानलेवा पार्टी की चर्चा पूरे शहर में है। अभी हालिया मामले में आर्यन राज की मिली लाश की जांच पड़ताल के बाद उसके ही दो स्कूल के दो दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों स्टूडेंटस 12वीं की पढ़ाई साथ में की थी। आर्यन की डेड बॉडी मिलने बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो पायेगा कि उसकी हत्या हुई या सुसाइड है। वैसे दोनो एंगल पर जांच हो रही है।

दोस्ती पर उठे सवाल


आर्यन राज की लाश ने कई सवाल खड़़े कर दिये हैं, एक तो दोस्ती पर सवाल और दूसरा घरवालों के ध्यान न देने की आदत। यह पहली घटना नहीं जिसमें पार्टी के बाद बच्चे की लाश मिली है। इससे पहले भी सिमुतल्लाह स्कूल के स्टूडेंट की लाश उसके घर के बगल में ही एक मकान की छत पर डेड बॉडी मिली थी। वहां भी पार्टी हुई वह घर नहीं लौटा और एक दिन बाद उसकी डेड बॉडी मिली। वह अपने स्कूल की छुट्टियों के बद घर लौटा था। इन दोनों वारदातों ने लोगों को झकझोर दिया और यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर कहां चूक हो रही भविष्य के इन होनहारों से हम हाथ धो दे रहे। घटना के पीछे की सच को जानने के बाद यह तो जरूर साफ हो जाता है कि घरवालों को अपने बच्चों की खबर रखनी बहुत जरूरी है।

घर में ही की थी पार्टी


आर्यन राज की जान जाने की जांच के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह अपने दोस्तों के घर में ही पार्टी कर रहा था। खास बात यह है कि वह जिन दोस्तों के साथ पार्टी में था उनका रेपुटेशन उसके मुहल्ले में भी लोग अच्छा नहीं समझते। ऐसे में आपके बच्चे किससे मिलते है कहां जाते है इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। वैसे आयुष राज के स्कूल में उसके बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि वह अच्छा लड़का था पढ़ाई में भी औसत से उपर ही था। उसके गार्जियन भी उसकी खबर लेने स्कूल जाते रहते थे।

पुलिस वालों के बच्चे शिकार


आर्यन राज के पिता श्याम रंजन सिंह पुलिस वाले है। वह पटना हेडक्वार्टर में पोस्टेड है। इसके अलावा सिमुतल्ला स्कूल में पढऩे वाले अनुभव कुमार की भी मौत पार्टी के बाद ही हुई थी। हालांकि वह घर में कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था मगर जहां उसकी डेड बॉडी मिली वहां से पता चल पाया कि वहां भी रात में पार्टी हुई थी। वह स्कूल से 1 मई का छुट्टी पर आया था। 20 मई को घर से निकला लेकिन लौट कर नहीं आया।

एक्सपर्ट कोर्ट


पैरेंटिंग एक इम्पोर्टेंट रोल प्ले करते है। आज कल के गार्जियन अपने बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं। टीन एर्जर्स का फ्रेंड सर्किल क्या है। वे क्या सोचते हैं। इन सब चीजों पर पैरेंट को ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों के स्कूल से जाने के बाद तो उनकी दोस्ती और उनका इवयमेंट ही डिसाइड करता है कि वे किस तरह की लाइफ जी रहे हैं। स्कूल तो सबको एक ही तरह की डिसिप्लीन सीखाना चाहता है। कई लड़के तो बाहर कोचिंग भी करते है उनकी दोस्ती का दायरा और बड़ा हो जाता है जो उनकी लाइफ स्टाइल को प्रभावित भी करता है।
एसी झा, प्रिसिंपल डीएवी बीएसईबी