पटना ब्यूरो। अक्सर शहरों और मोहल्लों में बेवजह स्ट्रीट लाइट को जलते हुए आप देखते होंगे। इसको देखकर आपको भी कभी लगा होगा कि इसको कोई देखने वाला नहीं है। दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती रहती है और फालतू में बिजली की बर्बादी होती रहती है। अब इसी बर्बादी को रोकने के लिए पटना नगर निगम ने कमर कस लिया है। शहर के सभी हाईमास्ट और स्ट्रीट लाइट्स को अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से नियंत्रित किया जाएगा। दिन में लाईट जली है या रात में कहीं नहीं जल पाई है इसकी पहचान भी तुरंत की जा सकेगी, वो भी उनके लोकेशन के साथ। बेवजह कहीं भी बत्तियां नहीं जलेंगी। लाइट्स को ऑन-ऑफ ऑटोमेटिक होगा।
एक साथ ऑन ऑफ की भी सुविधा
पटना नगर निगम मुख्यालय में स्थापित 24x7 कंट्रोल रूम से सभी लाईटों को कनेक्ट कर लिया गया है। इन लाईटों को ऑन ऑफ करने की सुविधा भी कनेक्ट कर दी गई है। सभी लाइटें एक साथ ऑन ऑफ हो सकेगी। मुख्यालय में बैठी टीम देख सकती है कि किस जगह पर लाईट ऑन है अथवा ऑफ है। मुख्यालय स्तर पर भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
145 जगहों पर है हाई मास्ट लाइट
दिवाली के समय से यह हाई मास्ट लाइट शहर में लगनी शुरू हुई थी। वर्तमान समय में कुल 145 जगहों पर इसे लगाया जा चुका है। गांधी मैदान कैंपस के अंदर, मौर्या लोक, तारामंडल, चितकोहरा गोलंबर, अनिसाबाद गोलंबर, इनकम टैक्स गोलंबर, बिहार म्यूजियम के पास, हाई कोर्ट के पास, राजापुर पुल, कंगन घाट, एलसीटी घाट, दीघा घाट, गंगा पाथवे सहित प्रमुख गोलंबरों पर इसे लगाया गया है। सेंट्रल कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) से इसे कनेक्ट किया गया है जिससे इनकी मॉनिटरिंग की जा रही है।
हाई मास्ट लाइटों में लगी चिप से मिलेगी जानकारी
इन हाई मास्ट लाइटों में एक चिप लगाई गई है, जिसके माध्यम से मॉनिटरिंग हो रही है। इस चिप में हाई मास्ट लाइटों के बारे में पूरा रिकॉर्ड होगा। इस चिप को वाईफाई से जोड़ा गया है। निगम मुख्यालय में बैठे अधिकारी चिप और वाईफाई की मदद से स्ट्रीट लाइट की पूरी जानकारी एकत्रित करने के साथ ही उसे ऑन और ऑफ भी कर सकते हें। इसके साथ ही स्ट्रीट लाइट में फॉल्ट होने या बल्ब फ्यूज होने पर आसपास के लोगों को शिकायत पर तुरंत निवारण होगा।
सूर्य की रोशनी के साथ होगा ऑन—ऑफ
शहर में लगे हाई मास्ट व स्ट्रीट लाइट का जलना व बुझना सूर्य की रोशनी पर निर्भर है। नगर निगम के कार्यपालक अभियंता विद्युत बबलु कुमार गुप्ता ने बताया कि यह सभी लाइट्स शाम 6 बजे से सुबह के पांच बजे तक जलेंगी। जैसे ही रोशनी होगी ऑटोमेटिक सभी लाइटें बंद हो जाएंगी।
इन शहरों में हो रहा इस्तेमाल
आपको बता दें कि रायपुर में नई राजधानी के करीब 150 किमी के दायरे में सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स को कमांड सेंटर से ही नियंत्रित किया जाता है। इसी तरह मुंबई, सूरत, अजमेर, इंदौर, वाराणसी, बड़ोदरा जैसे कई शहरों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।