पटना ब्यूरो। पिछले दिनों पाल होटल में हुई अगलगी जैसी घटना शहर के अन्य होटलों में भी घटित हो सकती है। शहर में संचालित होटलों में आग से बचाव के सुरक्षा मानक नाकाफी है। शहर में कई ऐसे होटल और अस्पताल हैं जहां काम करने वाले लोगों को आग बुझाने की जानकारी नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक के दौरान किसी ने बताया कि आग लगने पर बालू फेंकेंगे तो किसी ने कहा कि एक मशीन है उसेे चालू कर देंगे। जब फायर फायटिंग की जानकारी नहीं है तो आग लगने पर कैसे बुझेगी। हालांकि पाल होटल में आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग लगातार मॉक ड्रिल करवा रही है। मगर, संस्थानों के सभी कर्मियों को इसकी जानकारी नहीं है। पढि़ए रिपोर्ट
मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है
रियलिटी चेक करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित निजी हॉस्पीटल पहुंची। काउंटर पर पर मौजूद दो महिला कर्मियों से पूछने पर महिला कर्मियों ने बताया कि आग बुझाने की जानकारी नहीं है। इसके लिए अधिकारियों से बात करिए वो बेहतर हो। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब आग लगेगी तो अधिकारी के आने का इंतजार लोग करेंगे। वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि मॉक ड्रिल कराया गया है। आग लगने पर बालू फेंककर आग बुझा देंगे। आग से बचाव के लिए सभी लोगों को प्रशिक्षित होना आवश्यक है तभी ऐसी घटना को कम कर सकते हैं। हालांकि अन्य कर्मचारियों ने बताया कि दूसरे को प्रशिक्षित किया गया है।
मुझे जानकारी नहीं
पाटलिपुत्रा पटना जंक्शन जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित एक होटल अंदर और बाहर से बहुत टीप-टॉप है। साफ-सफाई का ध्यान भी होटल प्रशासन की ओर रखा जाता है। मगर किचन के स्टॉफ को अगलगी से बचाव की जानकारी नहीं दी गई है। होटल के बाहर मुख्य द्वार पर संचालित किचन में जहां जलेबी सहित कई खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। वहां काम करने वाले सुकेश से पूछने पर बताया कि आग से बचाव कैसे होगी इसकी जानकारी नहीं है। मेरा काम जलेबी बनाना है, मैं जलेबी बनाता हूं बेहतर होगा कि आप अंदर जाकर बात करें। अंदर जाने पर कैश काउंटर पर मौजूद कर्मचारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल कराया गया है। उनसे आग से बचाव के बारे में पूछने पर मैनेजर साहब से पूछें ये कहकर मामले को टाल दिये। ऐसे में सवाल ये उठता है जब कर्मचारी ही प्रशिक्षित नहीं होंगे तो मॉक ड्रिल का क्या मतलब है।
होटल के मुख्य द्वार के पास बनाया किचन
होटल के मुख्य द्वार के पास खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। ऐसे में अगर मुख्य द्वार पर आग लगी तो होटल के अंदर मौजूद गेस्ट को बचाना आसान नहीं होगा। पाल होटल में किचन से आग मुख्य द्वार तक फैल गई थी। जिस वजह से अंदर के लोग बाहर नहीं निकल पाए थे। पटना में ऐसे सैकड़ों होटल संचालित हैं जहां मुख्य द्वार के पास ही किचन का संचालन हो रहा है। खास कर पटना जंक्शन के पास टेम्पो स्टैंड के पीछे बने होटलों में तो सड़क को ही अतिक्रमण कर दिया गया है। जहां होटल कर्मी रोटी पकाते दिखते हैंं।
ऑक्सीजन सिलेंडर के पास मौजूद गार्ड को नहीं जानकारी
इसके बाद टीम पाटलिपुत्रा स्थिति एक निजी हॉस्पीटल पहुंची। इंट्री गेट से आगे बढऩे पर वहां ऑक्सीजन सिलेंडर रखा हुआ था। वहां ड्यूटी पर तैनात गार्ड से पूछने पर गार्ड ने बताया कि मैं नया आया हूं मुझे आग बुझाने की जानकारी नहीं है। हालांकि हॉस्पीटल रिस्पेशन काउंटर पर मौजूद मैनेजर से पूछने पर उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल कराया गया है। कर्मचारियों को आग से बचाव की जानकारी भी दी गई है। अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था हॉस्पीटल में उपलब्ध है।
अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल कराया जा रहा है। मॉक ड्रिल में सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसेे लेकर डीएम से चर्चा कर सभी को प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
-श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, एसडीएम, पटना सदर