पटना (ब्यूरो)। पटना में सड़क दुर्घटना की एक बड़ी वजह नाबालिगों के हाथों वाहन को देना भी है। विशेषकर व्यावसायिक वाहनों को नाबालिगों के हाथों में देने से हादसे की संख्या बढ़ गई है। पटना में एक अनुमान के मुताबिक ऐसे नाबालिग चालकों की संख्या सैकड़ों में जो पटना में नवविकसित मार्गों पर ऑटो या अन्य वाहन चला रहे हैं। पटना में नए मुहल्ले या नए कॉलोनियों में जो नए रूट विकसित हुए हैं। उसपर ई-रिक्सा से लेकर ऑटो तक नाबालिग चालकों के द्वारा धड़ल्ले से चलाई जा रही है। इन मार्गों पर पुलिस की ओर से विशेष रोकटोक भी नहीं होती है। जिसकी वजह से इस पर किसी तरह से लगाम भी नहीं लग पा रही है।

सड़कों पर ज्यादातर नाबालिग चालक
पटना में न्यू बाइपास से नए विकसित कॉलोनियों की बात करें तो ज्यादातर सड़के आवादी के विस्तार के बाद जो बनी है। उन मार्गों पर नाबालिग चालकों को कोई भी ऑटो या टेम्पू चलाने से रोकने वाला नहीं है। चुकी यह सब बहुत ज्यादा व्यस्त मार्ग नहीं है। इसलिए इन मार्गों पर ज्यादातर आपको अगर ऐसे नाबालिग चालक दिख जाएं तो इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है। बाइपास से खेमनीचक और बइमान टोला तक जाने वाली सड़क की आप बता कर लो। या फिर बाइपास से जगनपुरा भाया परसा समपतचक रोड पर भी आपको ऐसे नाबालिग चालक ऑटो के साथ दिख जायेंगे। बहुत बार ऐसे नाबालिगों के हाथों में स्टेरिंग देखकर लोग असहज भी होते हैं। लेकिन फिर बैठ जाने के बाद उनके पास फिर कोई विकल्प नहीं होता है।

यातायात को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं
पटना में नए मार्गों पर यातायात को लेकर फिलहाल कोई भी ठोस प्लान नहीं दिखता है। समपतचक से लेकर परसा और फिर बिहटा दानापुर के नए मार्गों पर कमोवेश एक जैसी स्थिति है। कभी कभार यदाकदा वाहनों की जांच के नाम पर थोड़ी बहुत औपचारिकता जरूर पूरी कर ली जाती है। लेकिन इसमें चालक के उम्र और वाहन चलाने के जरूरी वैधता से ज्यादा वाहनों के कागजात और पॉल्यूशन पर ही फोकस होता है।

हर माह एक दर्जन दुर्घटना के मामले
पटना में हर माह नाबालिग चालकों के चलते आए दिन दुर्घटना के मामले भी सामने आते रहते हैं। ऐसे में घायलों की संख्या काफी ज्यादा होती है। ऑटो में दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति सुरक्षा मानक को लेकर कुछ खास नहीं होने की वजह से यात्रियों को फिजिकली नुकसान का सामना करना पड़ता है। खेमनीचक मार्ग से लेकर जगनपुरा, बेउर रोड से लेकर अन्य मार्गों पर ऐसी घटनाएं नियमित तौर पर सामने आ रही है।

20 साल से पहले नहीं चला सकते यात्री और कॉमर्सियल वाहन

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चार कैटगरी होता है। अगर आप 16 साल के है तो बाइक विदआउट गेयर वाले का लाइसेंस के इलिजिबल हैं। लेकिन इसमें भी कंडिशन यही है कि यह पूरी लाइसेंस पूरी तरह से प्राइवेट होगा। इसके अलावे अगर आप 18 साल के हैं तो लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस के लिए पात्रता रखते हैं। जिसमें गेयर वाला बाइक के अलावे फोर व्हीलर भी शामिल होगा। लेकिन यह लाइसेंस किसी भी तरह से कॉमर्सियल और यात्री वाहनों के लिए नहीं होगा। यात्री वाहनों के लिए कंडक्टर का लाइसेंस 18 साल की उम्र में आप हासिल कर सकते हैं। यात्री और कॉमर्सियल वाहनों के लिए हर हाल में आपकी उम्र 20 साल होनी चाहिए। तभी आप कॉमर्सियल और यात्री वाहनों के अलावे भारी वाहनों के लिए पात्रता रखते हैं।