आधार बनवाते समय स्कैनिंग मशीन नहीं कर रही काम
बगहा अनुमंडल में बदकिस्मती की यह कहानी सिर्फ एक-दो की नहीं, बल्गि 600 बुजुर्गो की है। ये 6 महीने से वृद्धावस्था पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। बैंक जाते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि खाता लॉक है। आधारकार्ड जमा कीजिए। प्रखंड कार्यालय के बाबू कहते हैं कि पेंशन राशि बैंक भेज दी गई है।
लकीरें नहीं पढ़ रही मशीन
वृद्धावस्था पेंशन के लाभ़ुक रामसेवक महतो बताते हैं, कई बार आधार कार्ड बनवाने गया, लेकिन हर बार हाथ की लकीरों को मशीन नहीं पढ़ पाई। 80 वर्षीय राधिका देवी कहती हैं कि आधार कार्ड बना, लेकिन उसमें पति का नाम गलत हो गया। सुधार कराने जाती हूं तो हाथ की लकीरें काम नहीं करतीं। नगर के मलकौली वार्ड नंबर दो निवासी उमा देवी के पेंशनकार्ड में कर्मियों की लापरवाही से उषा देवी अंकित हो गया। वे बीते चार महीने से प्रखंड और नगर परिषद कार्यालय के चक्कर काट रही हैं।
नहीं बन रहा आधार कार्ड
बगहा दो प्रखंड के मंगलपुर औसानी पंचायत के 85 वर्षीय रामदेव और नयागांव रामपुर पंचायत की सुगिया का आधारकार्ड नहीं बन पा रहा है। इस कारण पेंशन नहीं मिल रही है। सेमरा कटकुईया पंचायत की गुलरी देवी और बेलहवा मदनपुर पंचायत की सुरसती देवी समेत दर्जनों की यही स्थिति है।
कैंप में भी समाधान नहीं
इस परेशानी से जूझते कई लाभुकों ने कुछ महीने पहले अधिकारियों से शिकायत की थी। इस पर तत्कालीन एसडीएम ने कहा था कि प्रखंड स्तर पर विशेष शिविर लगाकर आधार कार्ड बनेगा। प्रखंड स्तर की जगह कुछ पंचायतों में कैंप तो लगे, लेकिन मशीन हाथ की लकीरें नहीं पढ़ सकी।
आधार बनाते समय अंगुलियों के साथ आंख की पुतलियों की स्कैनिंग की जाती है। इसके लिए आमतौर पर एल-1 मशीनें उपयोग की जाती हैं। बहुत से बुजुर्गो की हाथ की रेखाएं घिस जाने से मशीन पढ़ नहीं पाती। इससे आधार नहीं बन पाता। कुछ नई ऐसी मशीनें आई हैं, जिनमें यह समस्या नहीं है।
-राजन कुमार, आधारकार्ड सेंटर
हाथ की लकीरों के चलते जिनके आधार कार्ड नहीं बन सके हैं, शीघ्र ही उनकी समस्या का निदान होगा।
-घनश्याम मीना, एसडीएम