पटना (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बड़ी दरगाह स्थित हजरत मखदूम शेख सरफुद्दीन अहमद यहिया मनेरी के 661वें उर्स के मौके पर मजार पर चादरपोशी की तथा देश -प्रदेश के लिए अमन-चैन की दुआ मांगी। करीब 10 मिनट वहां रुकने के बाद उन्होंने बड़ी दरगाह परिसर में नए बने मुसाफिरखाने व खानकाह मुअज्जम स्थित मुसाफिरखाने का उद्घाटन किया।
पुस्तक का किया विमोचन
साथ ही दरगाह के दूसरे सज्जादानशीं हजरत हुसैन नौशए तौहीद बल्खी रह। के प्रवचनों के संग्रह मौलाना अली अरशद द्वारा लिखी पुस्तक 'गंजे ला यख$फाÓ के उर्दू अनुवाद का विमोचन किया। इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि वह यहां आते रहे हैं। कोरोना काल में वृहद पैमाने पर कार्यक्रम नहीं हुआ था। इसलिए वह शामिल नहीं हो सके। आज आकर खुशी हो रही है। सभी प्रेम व भाईचारे के साथ रहें। एक-दूसरे की इज्जत करें। आगे बढ़ें। यही प्रार्थना है। इसके बाद मुख्यमंत्री पटना लौट गए।

जायरिनों को ठहरने में होगी सहूलियत

दरगाह के गद्दीनशीं सैय्यद शाह सैफउद्दीन अहमद फिरदौसी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने चार करोड़ 83 लाख 44 हजार रुपये की लागत से बड़ी दरगाह के पास 38, खानकाह-ए- मुअज्जम के पास 18 कमरे के मुसाफिरखाने का उद्घाटन किया। अब बाहर से आने वालों जायरीनों को ठहरने में परेशानी नहीं होगी।