पटना ब्यूरो। पटना में इन दिनों दुर्गा पूजा की तैयारी जारी है। पिछले एक माह से पूजा पंडालों का निर्माण और सजाने का काम हो रहा है। आर ब्लाक दुर्गा पूजा समिति बांग्ला आखाड़ा के पंडाल को इस बार खास ढंग से तैयार किया जा रहा है। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार पूरा पंडाल नाव के अंदर रहेगा। पंडाल की लंबाई 70 फीट व चौड़ाई 50 फीट रखी गई है।
नाव में मछली आकर्षण का केन्द्र
पूजा समिति के सचिव ध्रुव मुखर्जी ने बताया कि इस बार पंडाल का मुख्य आकर्षण नाव में मछली पंडाल का होना है। पूरे पंडाल को इस तरह बनाया जा रहा है कि वह नाव के अंदर दिखेगा। उन्होंने बताया कि पूरे बिहार से लोग पटना में दुर्गा पूजा देखने आते हैं। सप्तमी से लेकर नवमी तक लोगों की भीड़ उमड़ती है। दशमी से मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो जाता है।
बंगाली स्टाइल में होगी पूजा
सचिव ध्रुव मुखर्जी ने बताया कि पंडाल में सप्तमी से बंग्ला स्टाइल में मां की पूजा-अर्चना की जाएगी। बंगाल से ताशा ढोल बजाने के लिए कलाकार बुलाए गए हैं। ये परंपरा पिछले 85 वर्ष से चल रही है।
150 रुपए में भोग कूपन
समिति के सदस्यों ने बताया कि यहां सप्तमी, अष्टमी व नवमी को मां के महाप्रसाद के लिए विशेष भीड़ लगती है। सभी लोगों को महाप्रसाद मिले इसके लिए कूपन सिस्टम है। इस बार 150 रुपए में 500 ग्राम व 300 रुपए में एक केजी भोग महाप्रसाद के रूप में मिलेगा। भोग पूरी तरह से पैक रहेगा। जिससे लोगों को ले जाने में कोई परेशानी न हो।
रविन्द्र भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम
समिति के सदस्यों ने बताया कि 8 अक्टूबर को श्रद्धालुओं के लिए विशेष आयोजन किया जा रहा है। मोहम्मद रफी की आवाज को टू कॉपी करने वाले व्यक्ति को बुलाया गया है। वे आवाज के माध्यम से रविन्द्र भवन में समां बाधेंगे और श्रद्धालुओं के बीच भक्ति गीत की प्रस्तुति देंगे।
बंगाली कलाकार बना रहे मूर्ति
समिति के सदस्यों ने बताया कि इस बार मां की मूर्ति बनाने के लिए खास तौर पर बंगाल से कारीगर बुलाए गए हैं। वे चार-पांच दिन के अंदर मूर्ति को अंतिम रूप देंगे। कारीगर इसके लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। इस बार दुर्गा पंडाल व पूजा में करीब 20 लाख रुपए खर्च करने का प्रावधान बजट में किया गया है।