पटना ब्‍यूरो।

अगर आपसे ये कहें कि चीनी या चीनी से बने खाद्य पदार्थ एक नहीं कई बीमारियां दे सकता है तो जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन ये हकीकत है। मीठा-खाने की आदी अर्थराइटिस बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं। ये बातें आर्कन 2024 में आए एक्सपर्ट डॉक्टरों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में शेयर की। डॉक्टरों ने बताया कि गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसे सात्विक भोजन और एक्सरसाइज से कन्ट्रोल कर सकते हैं। इससे पहले समारोह का उदघाटन समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी, कार्यक्रम के सेक्रेटरी डॉ। अमूल्य कुमार सिंह, पीएमसीएच के डॉ। महेश प्रसाद, एसएस झा व डॉ। कविता कृष्णा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। संचालन डॉ। रमीत गुंजन ने किया। हैदराबाद से आए से डॉ। राज किरण दुदाम, वाराणसी से डॉ। इशान मिश्रा, दिल्ली से आए डॉ। राजीव मिश्र, पूणे से डॉॅ। कविता कृष्णा, डॉ। राणा एसपी सिंह समेत देशभर के 300 से अधिक डॉक्टर्स शामिल हुए।

मीठा त्याग कर बीमारी करें कन्ट्रोल
मुंबई से गठिया रोग एक्सपर्ट डॉ। कौशिक भोजनी ने बताया कि गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में यूथ तेजी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बच्चों में जन्म के कुछ वर्ष बाद इसका लक्षण दिखने लगता है। उन्होंने बताया जन्मजात इस बीमारी से राहत सात्विक भोजन और लाइफ स्टाइल को बदलकर कर सकते हैं। जो लोग गठिया बीमारी से ग्रसित हैं वे लोग मीठा या मीठा से बने खाद्य पदार्थ को त्याग कर बीमारी को कन्ट्रोल कर सकते हैं। चीनी खाने वाले लोग अर्थराइटिस समेत कई बीमारी के चपेट रहते हैं। इसलिए चीनी खाने से बचना चाहिए।

आइसक्रीम खाने से बचें
डॉ। कौशिक भोजनी ने बताया कि गठिया एक ऐसी बीमारी है जो विरासत में लोगों को मिलती है। इस बीमारी को लाइफ स्टाइल को बदल कर कन्ट्रोल कर सकते हैं। विदेशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जापान और अमेरिका के लोगों में भी अर्थराइटिस की बीमारी हो रही है मगर लाइफ स्टाइल और सात्विक भोजन की वजह से वहां के लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज के यूथ को आइसक्रीम बहुत ज्यादा पसंद है आइसक्रीम में अत्यधिक चीनी की मात्रा होती है जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, पेट में जाने के बाद केमिकल रियेक्सन के साथ ही अर्थराइटिस की बीमारी पनपते लगती है।

सात पीढी से जीन करता है पीछा
आर्कन 2024 में आए डॉक्टरों ने बताया कि गठिया एक ऐसी बीमारी है जो सात पीढ़ी तक पीछा करती है। उन्होंने बताया कि पिता पक्ष के सात पीढी उपर या ननिहाल पक्ष के सात पीढ़ी उपर किसी को बीमारी रही होगी तो आपको भी हो सकती है। उन्होंने बताया एक बार बीमारी होने पर सात जेनरेशन तक बीमारी हो सकती है। इसलिए अगर परिवार में किसी को बीमारी है तो खान-पान में कन्ट्रोल करना आवश्यक है। चीनी और रिफाइंड काब्र्स आपका वजन बढ़ा सकते हैं। इसलिए भोजन में सीमित करना आवश्यक है। दूध, दही और पनीर ज्यादा खाने से भी सूजन हो सकता है। गठिया के लक्षण दिखने पर नमक की मात्रा कम कर दें।

हर मंथ 50 पेशेंट पहुंच रहे
आईजीआईएमएस से डॉक्टर राज कुमार ने बताया कि अस्पताल में गठिया रोग से पीडि़त 40 से 50 गंभीर पेशेंट हर मंथ इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिसमें 30 परसेंट यूथ होते हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में आने वाले पेशेंट में 20 परसेंट केस हिस्ट्री शराब व बीयर पीने से संबंधित होता है। उन्होंने बताया कि रेड मीट खाने से बीमारी को बढ़ावा मिलती है, ऐसे व्यक्ति में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। यूरिक एसिड कम कर गठिया को कन्ट्रोल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं को अपने यूरिक एसिड पता करना आवश्यक है। यूरिक एसिड को लाइफ स्टाइल और दवा से कम कर सकते हैं।

एक्सरसाइज से कर सकते हैं कंट्रोल
कोलकाता से आए डॉ। श्यामाशीष बंधोपाध्याय ने बताया कि गठिया बीमारी को एक्सरसाइज से कम कर सकते हैं। जो नियमित एक्सरसाइज करते हैं उन्हें गठिया से राहत मिल सकती है। उन्होंने बताया कि निदान और इलाज में प्रगति के कारण पेशेंट को दवा के माध्यम से राहत मिल रही है। एक बार गठिया की बीमारी हो जाए तो जब ठीक न हो जाए नियमित रूप से दवा का सेवन करना आवश्यक है। गठिया से पीडि़त व्यक्ति को तनाव से दूर रहने की आवश्यकता है ज्यादा तनाव होने से गठिया की बीमारी दर्द देने लगती है।


लाइफ स्टाइल को बदलकर पटनाइट्स बीमारी को कम कर सकते हैं। इसके लिए चीनी से बने खाद्य पदार्थ को त्यागना और सात्विक भोजन करने की आवश्यकता है।
-डॉ। कौशिक भोजनी, गठिया रोग विशेषज्ञ, मुंबई

गठिया को कन्ट्रोल करने के लिए यूरिक एसिड को कन्ट्रोल करना आवश्यक है। आईजीआईएमएस में प्रति माह गंभीर रूप से पीडि़त 40 से 50 पेशेंट इलाज के लिए आ रहे हैं।
- डॉ। राज कुमार, गठिया रोग एक्सपर्ट

गठिया से पीडि़त पेशेंट एक्सरसाइज से दर्द को कम कर सकते हैं। ऐसे पेशेंट टेंशन से दूर रहे हैं टेंशन से गठिया में दर्द होने लगता है। खान-पान और यूरिक एसिड को नियंत्रण करना आवश्यक है।
-डॉ.श्यामाशीष बंधोपाध्याय, गठिया रोग एक्सपर्ट, कोलकाता

ऐसे बरतें सावधानी
-यूरिक एसिड को बढऩे से रोकें।
-सात्विक भोजन करें।
-मीठा और मीठा खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
- लाइफ स्टाइल को परिवर्तित करें।
- पेशेंट टेंशन से दूर रहें।
-शराब व बीयर व लाल मीट का सेवन न करें।
-पिता व माता पक्ष में किसी को गठिया की समस्या है तो सतर्क रहें।
- दवा सेवन नियमित रूप से करें व एक्सरसाइज करते रहें।