पटना ब्‍यूरो। नारायणा कैंसर सेंटर की ओर से बुधवार को ब्रेस्ट कैंसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया। नारायणा कैंसर सेंटर के मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट डॉ। अभिषेक आनंद ने बताया कि महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़े हैं। 40 साल के बाद महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राम कराना चाहिए ताकि शुरुआत में ही इस कैंसर के बारे में पता लगाया जा सके।

महिलाएं ना करें शारीरिक बदलाव को नजरअंदाज
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर के लक्षण को पहचानना काफी चुनौतिपूर्ण है। लेकिन, शुरुआती लक्षण पकड़ में आ जाएं तो इसका इलाज संभव है। अगर स्तन या बगल में कठोर या दर्दरहित गांठ हो या फिर आपके स्तन के पूरे या आंशिक भाग में सूजन हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। स्तन के आकार में परिवर्तन, निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना, लाल परत या मोटी त्वचा, स्तन में दर्द या भारीपन भी इसके लक्षण हैं।
डॉ। अभिषेक आनंद ने बताया कि जिन महिलाओं को बीआरसीए 1 और बीआरसीए 2 जीन विरासत में मिलते हैं, उन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है। इसके अलावा अर्ली प्यूबर्टी, स्तन पर लिया गया रेडिएशन थेरेपी भी इसका कारण हो सकता है।

कम उम्र की महिलाएं भी हो रही हैं शिकार

अमूमन माना जाता है कि 40 साल के बाद ही ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है, लेकिन अब कम उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़े हैं। इससे बचाव के लिए शुरुआती जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि स्तन का नियमित रूप से जांच कराना चाहिए। मेमोग्राम और ब्रेस्ट मेगनेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग यानि एमआरआई से ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाता है। इसलिए कम उम्र की महिलाओं को भी अब नियमित रूप से चेकअप कराना चाहिए।