पटना ब्‍यूरो। बारिश शुरुहोते ही पटना के प्राइवेट लेबोरेटरी में डेंगू जांच के नाम पर लूट मची हुई है। बुखार से पीडि़त या डेंगू के लक्षण वाले पेशेंट टेस्ट के लिए पहुंचते हैं। तो उसे आइजीजी यानी (इम्यूनग्लोबिन जी) आइजीएम और एनएस 1 कोंबो टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है। जिसके एवज में प्राइवेट लेबोरेटरी 2000 से 2500 रुपए तक का चार्ज कर रहे हैं। जबकि डेंगू की एलिजा आइजीएम (इम्यूनग्लोबिन एम) और एनएस 1 (नान स्ट्रक्ल प्रोटीन 1) टेस्ट से सही पुष्टि होती है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। सुभाष प्रसाद ने बताया कि पटना में डेंगू एलिजा जांच रेट अभी फिक्स नहीं है। जबकि दूसरे प्रदेशों में ये चार्ज 500 से 700 रुपए निर्धारित है। आज दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पढि़ए किस तरह पटना में डेंगू जांच के नाम पर कमाई का चोखा धंधा जारी है

टेस्ट के नाम पर मची है लूट
इन्द्रपुरी निवासी सुधांशु ने बताया कि पिछले दिनों बुखार होने पर डॉक्टरों ने डेंगू जांच कराने के लिए कहा। प्राइवेट लैब में जब पहुंचे तो वहां काम करने वाले स्टाफ आइजीजी यानी (इम्यूनग्लोबिन जी) आइजीएम और एनएस 1 कोंबो टेस्ट करवाने के लिए कहा व चार्ज 2200 रुपए बताया। टेस्ट कराने से इंकार करने पर डेंगू की एलिजा आइजीएम टेस्ट का पैकेज दिखा दिया। टेस्ट के एवज में 1200 रुपए लगे। बिहार में रेट फिक्स नहीं होने से प्राइवेट लैब संचालक मनमाने तरीके से रेट वूसल रहे हैं।

पटना में इन अस्पतालों फ्री में डेंगू जांच
पटना के सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच पूरी तरह से फ्री की जा रही है। शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, गार्डिनर रोड, गर्दनीबाग, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल, जीजीएस हॉस्पिटल पटना सिटी के अलावा जिले के दानापुर, मसौढ़ी, बाढ़ व मोकामा आदि अनुमंडलीय व रेफरल अस्पतालों में संबंधित तीनों जांच की सुविधा है। ये सभी टेस्ट इन अस्पतालों में बिल्कुल फ्री होती है। जबकि पटना एम्स में कम रेट पर जांच की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है।

डेंगू से घबराएं नहीं, अलर्ट रहें
पटना के सीनियर जनरल फिजिशियन डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि अगर आप डेंगू से पीडि़त हैं, तो घबराएं नहीं। अलर्ट रहकर ही इससे बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षण दिखने पर अपने मन से कोई मेडिसिन न लें तुरंत योग्य डॉक्टर से परामर्श लें। उन्होंने बताया कि डेंगू पीडि़त पेशेंट को बुखार और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ तरल पदार्थ सेवन करनी चाहिए। नींबू पानी, ओआरएस का घोल और दही पानी भी लाभदायक हो सकता है।

इस बार दूसरे प्रदेश से आ रहा डेंगू
डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि इस बार दूसरे प्रदेश से यात्रा कर के पटना पहुंचने वाले लोगों में डेंगू के लक्षण देखने को ज्यादा मिल रहे हैं। कई लोग पॉजिटिव भी मिले हैं। प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत डॉ। विनय कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में झारखंड, दिल्ली व कर्नाटक जैसे राज्यों में डेंगू संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इन तीनों ही राज्यों से हर दिन बड़ी संख्या में लोग बिहार आते हैं। ऐसे में यदि कोई डेंगू संक्रमित हुआ और उसे बिहार में मादा एडीज मच्छर ने काट लिया तो वह भी संक्रमित हो जाएंगे। इसके बाद वह जितने भी अंडे देगी वे सभी डेंगू संक्रमण के वाहक होंगे। एपिडेमोलाजिस्ट डा। प्रशांत कुमार ंिसंह ने बताया कि प्राइवेट लैब या अस्पताल में कोई डेंगू संक्रमित तो नहीं आया, इसकी जानकारी तुरंत देने के लिए सभी को पत्र भेजा गया है। यदि कोई डेंगू पुष्टि होने के बाद उसकी रिपोर्ट नहीं देता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

रैपिड किट के बाद एलाइजा से पुष्टि नहीं करा रहे डाक्टर
एलाइजा जांच में पाजिटिव आने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग डेंगू का मामला मानता है। इसके अनुसार अब तक पटना में संपतचक के 24 वर्षीय युवक में ही इसकी पुष्टि हुई है। वहीं दूसरा पेशेंट नालंदा का था। राजधानी के अधिकतर अस्पताल रैपिड किट से जांच कर डेंगू का इलाज करते हैं। इसके बाद एलाइजा जांच जरूरी है लेकिन अधिकतर प्राइवेट अस्पताल सुविधा नहीं होने के कारण रैपिड किट रिपोर्ट को अंतिम मान लेते हैं। ऐसे में डेंगू के ये मामले स्वास्थ्य विभाग की नजर में नहीं आते और दूसरों को संक्रमित करने का कार्य करते हैं। डा। प्रशांत ने बताया कि न्यू गार्डिनर रोड, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आरएमआरआइ व आइजीआइएमएस में डेंगू की एलाइजा जांच मुफ्त की जाती है। लोग वहां जांच कराएं ताकि पाजिटिव आने पर उनके स्वजन व पड़ोसियों को सुरक्षित किया जा सके।

डेंगू बुखार के लक्षण
1.अचानक बहुत तेज़ बुखार।
2.जी मिचलाना।
3.त्वचा पर लाल चकत्ते, जो आमतौर पर बुखार आने के बाद दिखाई देते हैं।
4. सरदर्द।
5.पेट में तेज दर्द।
6.लगातार उल्टी।
7.आपकी आंखों के पीछे दर्द।
8.जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, या ऐंठन।
9. नाक या मसूड़ों से खून आना।
10.तेजी से सांस लेना।

प्राइवेट लैब में डेंगू जांच पर चार्ज
1. 1200 से 2500 रुपए।
2. सरकार द्वारा तय रेट 500 से 700 रुपए।

पिछले साल पाटलिपुत्र अंचल के हाटस्पाट मोहल्ले
इंद्रपुरी, दीघा, आशियाना नगर, राजीव नगर, श्रीकृष्णापुरी, बलुआपार, कुर्जी, सदाकत आश्रम, पुनाइचक, नेहरू नगर, विवेकानंद पार्क, बुद्धा कालोनी, मैनपुरा, उत्तरी मंदिरी, दक्षिण मंदिरी, अखाड़ा रोड, पाल्सन रोड, राजा बाजार, बलुआपार दीघा, नवनीत कालोनी, लोदीपुर पुलिस लेन, शिवाजी नगर, शास्त्रीनगर, पटेलनगर, विकास नगर, हामिदपुर, अनंत कालोनी, केशरी नगर, कुर्जी मोड़, अल्पना मार्केट, लोदीपुर क्रिश्चियन कालोनी आदि।

पिछले साल बांकीपुर अंचल के हाटस्पाट मोहल्ले
बाजार समिति, बहादुरपुर, कस्तूरबा कालोनी, मुसल्लहपुर हाट, आर्य समाज रोड, पीएमसीएच हास्टल, कदमकुआं, जीएम रोड, बिहारी साव लेन, सैदपुर, महेंद्रू, गांधी चौक, रामपुर, संदलपुर, लोहानीपुर, नगर टोला, ला कालेज घाट, बाकरगंज, शाहगंज, बीएम दास रोड, मखनियां कुआं, लंगर टोली व जमाल रोड।


डेंगू जांच के लिए पटना में सरकार की ओर से रेट फिक्स नहीं है। अवेयरनेस से डेंगू की समस्या का निदान होगा। अभी तक दो पेशेंट ही पॉजिटिव हैं।
- डॉ। सुभाष प्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी


डेंगू जांच के लिए प्राइवेट लैब में भी रेट तय होनी चाहिए। किसी लैब में 1200 लग रहे तो कोई 1500 रुपए चार्ज कर रहा, ये गलत है।
- आशीष रंजन, पब्लिक

सरकर को चाहिए कि प्राइवेट लैब को मॉनिटरिंग करे। तभी सच्चाई सामने आएगी। डेंगू जांच के नाम पर आम पब्लिक को कितनी परेशानी हो रही है ये पता चलेगा।
- स्वरुप त्रिगुणायत, पब्लिक

पिछले साल डेंगू पॉजिटिव की संख्या अधिक थी। अभी दो पेशेंट हैं। सरकारी अस्पतालों में सेम डे में रिपोर्ट नहीं मिलती है इसलिए लोग प्राइवेट में जाते हैं। वहां रेट अधिक है।
- डॉ। विवेक आनंद, पब्लिक