बिना साइन करवाए जाने को तैयार नहीं
उन्होंने सबको वापस जाने को कहा, पर गल्र्स बिना साइन करवाए जाने को तैयार नहीं थी। स्टूडेंट्स की इस जिद से गुस्सा होकर उन्होंने लड़कियों को बाल खींच कर बाहर निकालना शुरू कर दिया। इससे भी बात नहीं बनी, तो पास में रखी कुर्सी उठाकर दे मारा। इस घटना में सोशियोलॉजी फस्र्ट ईयर की स्टूडेंट राव्या को चोट लग गई।
स्टूडेंट्स से नहीं मिलीं प्रिंसिपल
राव्या को कुर्सी से इतनी जोर की चोट लगी कि उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। इस संबंध में आई विटनेस रीतू ने बताया कि उसके सिर में बहुत जोर से चोट लगी और वह बार-बार उल्टी भी कर रही थी। उसने बताया कि हमलोग उसे लेकर प्रिंसिपल के पास भी गए, पर प्रिंसिपल ने इसे रफा-दफा करने को कहा। लगभग एक घंटे तक हमलोग प्रिंसिपल के चैंबर में खड़े रहे, पर प्रिंसिपल हमसे मिली तक नहीं। बाद में राव्या के गार्जियन आये और उसे डॉक्टर के पास ले गए।
मैं जब कॉलेज पहुंची, तो वह जोर-जोर से रो रही थी। हमने उसे डॉक्टर से दिखाया। डॉक्टर ने कहा कि उसके सिर में ज्यादा चोट लगी है। उन्होंने दवा और सूई दी है। दर्द कम है, पर पता नहीं क्या होगा? कॉलेज प्रिंसिपल ने कुछ पूछा तक नहीं।
राव्या की मां
हमलोग साइन करवाने के लिए दो घंटे से खड़े थे। गेट बंद था। जब मैम आईं, तो हमने उन्हें साइन करने को कहा। पर वे हमलोगों को वापस जाने के लिए बोलने लगीं। कुछ ने इसका विरोध किया, तो उलटे हम पर कुर्सी चला दी।
जूली, स्टूडेंट, फस्र्ट इयर
इस मैम के लिए यह कोई नई बात नहीं है। ये हमेशा इस तरह कुछ न कुछ करते रहती हैं। किसी से भी सीधे मुंह बात तक नहीं करती हैं। हमलोग वापस जा ही रहे थे कि अचानक से सबका बाल खींच कर बाहर खींचने लगीं और फिर बाद में कुर्सी भी चला दी।
गुडिय़ा, स्टूडेंट, फस्र्ट इयर
एक साथ काफी संख्या में स्टूडेंट्स इकट्ठा हो गई थीं और कई लाइब्रेरी में अंदर भी चली गयी। मुझे तो लगता है कि स्टूडेंट्स ने आपस में ही धक्का-मुक्की की है और इसी में उस लड़की को चोट लगी। आखिर, कुर्सी उठाकर कोई भी कैसे किसी को मार सकता है। डॉ। ऊषा सिंह, प्रिंसिपल, जेडी वीमेंस कॉलेज