-नहीं थी एंबुलेंस की व्यवस्था, वीआईपी की गाडि़यां भी देखती रहीं
-एक कार्यकर्ता की कार से पीएमसीएच ले जाया गया, राजनीति में संवेदनहीनता का नया चेहरा
PATNA: बिहार राज्य नोनिया बिंद बेलदार महासंघ के राज्यस्तरीय अधिकार सम्मेलन में दिल का दौरा पड़ने से एक्स मिनिस्टर आनंद मोहन सिंह का निधन हो गया। ये निधन इसलिए दुखद है कि दिल के दौरे से वे परेशान रहे और दूसरी तरफ लालू प्रसाद जैसे नेता का भाषण जारी रहा। राजनीति में संवेदनहीनता का विचित्र चेहरा दिखा। हुआ ये कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मौजूदगी में रवींद्र भवन में चल रहे इस सम्मेलन में स्टेज पर बैठे आनंद मोहन को दिल का दौरा पड़ा। हद ये कि सम्मेलन में जुटे वीआईपी की गाडि़यां लगी रहीं और उन्हें जल्दी हॉस्पीटल नहीं ले जाया जा सका। आखिरकार एक कार्यकर्ता की गाड़ी से आनंद मोहन सिंह को पीएमसीएच ले जाया गया। पीएमसीएच में उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि हर्ट अटैक से उनकी मौत हुई।
जारी रहा लालू का भाषण
आनंद मोहन भाषण देकर अपनी सीट पर जैसे ही लौटे तो उन्हें हर्ट अटैक हुआ। कार्यकर्ता ने जब उनकी ये हालत देखी तो हॉल से बाहर ले गए। उस समय लालू प्रसाद भाषण दे रहे थे कि तभी बिहार सरकार के फूड मिनिस्टर श्याम रजक ने लालू प्रसाद को आनंद मोहन सिंह के गुजर जाने की जानकारी दी। इसके बाद पूरे हॉल में उदासी छा गई। लालू प्रसाद ने एक मिनट का मौन रखा। मौन के बाद कार्यक्रम खत्म कर दिया गया।
तो बच जाते आनंद मोहन सिंह
बेलदार सम्मेलन में एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी। यही बड़ी वजह थी कि आनंद मोहन का इलाज तुरंत शुरू नहीं हो सका। वीआईपीज की गाड़ी सायरन बजाते हुए उन्हें हॉस्पीटल तक ले जाती तब भी समय की खासी बचत हो सकती थी, लेकिन एक कार्यकर्ता की कार से उन्हें ले जाया गया।