पटना ब्‍यूरो। बिहार सरकार का लक्ष्य है यहां के गांव गांव तक खेल को पहुंचाना और गांव के खिलाड़ियों को ओलंपिक तक पहुंचाना। इसी दिशा में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और हर तरह का सहयोग और प्रयास कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि बिहार खेल के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है और निकट भविष्य में किसी राज्य से पीछे नहीं रहेगा। उक्त बातें गुरुवार को खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने ज्ञान भवन में खिलाड़ियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि हर पंचायत में मैदान बनाए जाने हैं। अब खिलाड़ी उत्साहित हैं। बिहार देश के सामने उदाहरण पेश करेगा.बिहार खेल सम्मान समारोह में सामान्य और दिव्यांग श्रेणी में 615 खिलाड़ियों और 21 प्रशिक्षकों सहित चार खेल सघों और चार खेल अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र और 7.5 करोड़ से ज्यादा की सम्मान राशि दी गई। इसके पहले मंत्री एवं भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान पीआर श्रीजेश, खेल विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र, निदेशक महेंद्र कुमार, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण ने सर्वेपल्लि राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

2028 में बिहार मजबूती से ओलंपिक में करेगा प्रतिभाग
कार्यक्रम के दौरान 615 खिलाड़ियों, 21 प्रशिक्षकों, चार खेल संघों और चार खेल अधिकारियों सहित कुमार 644 के बीच सम्मान स्वरूप सात करोड़ 50 लाख रुपये की राशि वितरित की गई। बी राजेंद्र ने कहा कि राज्य में खेल के विकास के लिए अल्प अवधि में काफी कार्य किए गए हैं। कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। रवींद्रण शंकरण ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए बनी नीति का असर दिख रहा है। हमारा लक्ष्य 2028 ओलिंपिक का था, मगर 2024 में ही श्रेयसी और शैलेश ओलिंपिक तक पहुंच गए। 2028 में हम और मजबूती से प्रतिभाग करेंगे।

सपना-जुनून हो तो कुछ भी संभवः श्रीजेश
पीआर श्रीजेश ने बिहार को प्यारा शहर बता पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैंने फटे जूते और जर्सी पहन खेल की शुरुआत की। केरल में खिलाड़ियों को कक्षा 10-12 में 60 अंक दिए जाते हैं, इसलिए मैंने हाकी और तल्लीनता से खेली। एक तरह से कहें कि पास होने के लिए खेल को विकल्प के रूप में चुना। बड़ी प्रतियोगिता में पहुंचने तक कई खेल सामग्री मेरे पास नहीं थी। पिता ने गाय बेचकर मुझे पैसे दिए तब पैड खरीदा। उन्होंने खिलाड़ियों को सीख देते हुए कहा कि सपना और जुनून हो तो कहीं भी पहुंचा जा सकता है। श्रीजेश ने कहा कि अगर अवसर मिलेगा तो बिहार के हाकी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करूंगा।

29 अगस्त को इनका हुआ सम्मान
श्रेयसी सिंह- ओलंपिक- शूटिंग-50 लाख, श्वेता शाही- एशियन गेम्स 22 - रग्बी- 25 लाख, आकाश कुमार- तलवारबाजी- 25 लाख, सुधांशु शेखर- सेलिंग- 25 लाख, चंदन कुमार सिंह- लॉन बॉल- 37.50 लाख, मोहम्मद शम्स आलम- पारा स्वीमिंग- 15 लाख, मोहम्मद जलालुद्दीन अंसारी- पारा साइक्लिंग-10 लाख रुपये।