पटना ब्यूरो।
ग्रुप में जुडऩे वाले गोबिंद बहुगुना पूछते हैं कि यह कौनसी ग्रुप है। इसी तरह के सवाल और भी दर्जनों लोग करते हैं। जिसके बाद अली वेदी नाम के शख्स बताता है कि यह क्रिप्टोकरेंसी कम्यूनिकेशन ग्रुप है। कुछ लोग भी से सवाल करते हैं कि यह क्रिप्टोकरेंसी ग्रुप है क्या। अली वेदी फिर से जवाब देता है कि क्रिप्टोकरेंसी एक ग्लोबल एक्सचेंज है। यह ग्रुप क्रिप्टोकरेंसी प्लान खरीदने वालों की मदद के लिए बनाया गया है। जिसके बाद रवि प्रकाश नाम के शख्स की ओर से पूछा जाता है कि फिर हमें करना क्या होगा। वहीं ग्रुप हामिद महतो नाम का शख्स शामिल होता है। वह अपने आप को एक नामी वित्तिय फर्म से जुड़ा हुआ बताता है और प्लान में निवेश को लेकर मदद का भरोसा दिलाता है।
तीन पत्तियां जुआ की तरह चलता है खेल
इन सभी की बातों से ऐसा लग रहा है जैसे सभी एक दूसरे से बिलकुल अपरिचित हैं। लेकिन यह खेल तीन पत्तियां ताश की तरह डीजिटल फार्मेट में खेली जा रही है। जिसमें किसी चौराहे पर पांच शख्स जो आपस में मिले होते हैं। एक का तीन और पांच का 15 करते हुए आपस में खेलते हैं और जमकर मुनाफा कमाते हुए सामने वाले को दिखाते हैं। लेकिन इस खेल में जैसे ही कोई बाहरी शख्स शामिल होता है। वह इस बाजी को बुरी तरह से हारता है और अपने पास जो भी होता है वह सब इनके हाथों गवां बैठता है।
लिंक शेयर कर निवेश करने का झांसा
ग्रुप में खुद को क्रिप्टोकरेंसी एक्सपर्ट बताने वाला शख्स एक लिंक शेयर करता है। जिसके बाद कथित तौर पर जुड़े सभी लोग उसमें निवेश करते हैं। उसके बाद सभी अपने फायदे के बारे में बताते हैं। कोई शख्स खुद एक ही दिन में छह हजार डॉलर कमाई की बात करता है। तो वहीं दूसरा शख्स इससे कहीं अधिक दावा करता है। वहीं जो इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाता है उसे देर सवेर ग्रुप से रिमूव कर दिया जाता है। ऐसे ही ग्रुप से रिमूव होने वाले शख्स मोहन पात्रा ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि यह कौनसी ग्रुप थी। उन्हें क्यों जोड़ा गया था। फिर क्यों रिमूव किया गया था।
इस तरह के ग्रुप में जोड़कर लाखों पटनाइट्स से लाखों की ठगी
केस नंबर 1
माही शर्मा पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। उन्हें भी पहले इसी तरह के ग्रुप से जोड़ा गया। फिर बताया गया कि क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश करें और क्या इसके फायदे हैं। फिर उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जुडऩे के लिए कहा गया जहां कुछ टास्क करने को कहा गया। फिर उनसे 448000 की ठगी कर ली गई।
केस नंबर 2
अनील शर्मा पटना के पत्रकार नगर के रहने वाले हैं। उन्हें भी पहले इसी तरह के वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। दूसरे लोगों के फर्जी लाभ के दावा के चक्कर में वे आ गए। फिर ग्रुप में शेयर किए गए लिंक को एक्टिव कर लिया। जिसकी वजह से उनके मोबाइल का कंट्रोल साइबर अपराधियों के पास चला गया। फिर दो लाख एकाउंट से साफ हो गए।
केस नंबर 3
इंदू देवी पटना के पटेल नगर की रहने वाली हैं। उन्हें और उनके पुत्र को इसी तरह के एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। फिर 50 हजार की ठगी कर ली गई। इंदू और उनके बेटे ने इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम में की है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल खरीदारी या निवेश के लिए किया जा सकता है। यह पूरी तरह से डिजिटल रूप में मौजूद होती है और इसमें लेन-देन को सत्यापित करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान की ज़रूरत नहीं होती। क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन को ब्लॉकचेन पर दर्ज किया जाता है, जो एक अपरिवर्तनीय बहीखाता है। क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टोग्राफ़ी से सुरक्षित किया जाता है, जिससे इसे दोहरा खर्च करना या नकल करना मुश्किल हो जाता है। ज़्यादातर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करके विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर मौजूद होती हैं। आम तौर पर, क्रिप्टोकरेंसी को कोई केंद्रीय प्राधिकरण जारी नहीं करता, इसलिए इसे सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से सुरक्षा मिलती है। बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी सरकारों या कंपनियों द्वारा समर्थित नहीं होतीं।
वर्जन
सर्तकता ही सुरक्षा है। साइबर क्राइम के मामले में लोगों को बचाव के लिए हर हाल में एलर्ट रहने की जरूरत है। पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई करती है। लेकिन साइबर क्राइम से बचाव के लिए लोगों का खुद भी जागरूक होना बेहद जरूरी है।
मानवजीत सिंह ढिल्लो
आर्थिक अपराध इंकाई
पटना