पटना (ब्यूरो)।बिहार दिवस में खराब खाने ने विभिन्न जिलों से आए बच्चों का हेल्थ बिगाड़ दिया। सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जब फूड सेफ्टी विभाग यह बता रहा है कि बिहार दिवस के मौके पर लगे फूड स्टॉल की जांच की गई थी तो आखिर बच्चे बीमार कैसे हुए? मौके से आई तस्वीरें इस बात की पुष्टि कर रही है कि सैंकड़ों की संख्या में बच्चों के बीमार होने से स्टॉल एरिया ही अस्पताल के इमरजेंसी एरिया में तब्दील हो गया था। जहां विजिटर्स आते-जाते वहां सायरन के साथ एम्बुलेंस के आने की आवाज सुनाई दी। पूरा अफरा- तफरी का माहौल था। कुल 156 बच्चों के बीमार पड़ जाने के बाद हरकत में आए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के कामकाज पर सवाल खड़ा करता है।
1215 बच्चे हुए थे शामिल
बिहार दिवस के मौके पर दूसरे जिलों से पटना बुलाए गए कई बच्चों की तबीयत खराब हो गई है। गांधी मैदान में बने अस्थाई अस्पताल में भर्ती अधिकांश बच्चों ने बताया कि सिरदर्द, बुखार, शरीर दर्द, उल्टी आदि की शिकायत हुई है। नाम न छापने के शर्त पर बच्चों ने बताया कि जहां उन्हें ठहराया गया था, वहां पर स्वच्छ पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। खाना बहुत खराब था और मच्छर की वजह से तीन रात से वे लोग सो नहीं पा रहे थे.बता दें कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए राज्य भर से 1215 बच्चे आए हैं।
अनऑथराइज्ड दुकान भी
अस्थाई और पीएमसीएच में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि
बिहार दिवस में आए कई बच्चें खराब खाना खाने की वजह से बीमार हुए है। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो बच्चों को ठेले पर फुचका और आइसक्रीम खाते देखा जा रहा था। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब स्टॉल लगाया गया तो फूड क्वॉलिटी की विधिवत जांच की गई की नहीं ? अगर की गई तो बच्चे बीमार कैसे हो गए। इतने बड़े आयोजन होने के बाद बाहरी व्यापारी परिसर के अंदर में आकर अस्थाई दुकाने लगा रहा था। इन दुकानों पर विभाग की नजर नहीं गई। इस संबंध में जब रिपोर्टर ने फूड शेफ्टी विभाग के अधिकारियो से बात किया तो उन्होंने कहा कि प्रति दिन खाने की गुणवत्ता की जांच की जा रही है।
बीमारी के बाद हरकत में विभाग
गुरुवार को जब राज्य भर के 156 बच्चे बीमार हो इलाज कराने लगे तो फूड शेफ्टी विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर व्यंजन मेला में लगे फूड स्टॉलों की जांच पड़ताल शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि कई स्टॉल पर खराब क्वालिटी के सॉस और खराब फूड प्रीजर्वेटिव को टूरिज्म विभाग के सहयोग से फेंकवा दिया गया है। इतना ही 3 स्टॉल ऐसे पाए गए जो गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं बेच रहे थे उन्हें पूरी तरह क्लोज कर दिया गया।
तापमान बढऩे से हुए परेशान
पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में बच्चों के इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग के साथ तापमान में हुए अचानक बढ़ोतरी ने बच्चों की हालात को और बिगाड़ दिया। जिस वजह से बच्चों में अचानक उल्टी और पेट दर्द की शिकायत के बाद इमरजेंसी में पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फूड की हुई जांच
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया टूरिज्म विभाग के सहयोग से फूड स्टॉल की न सिर्फ जांच की गई बल्कि खराब सॉस और फूड प्रीजर्वेटिव को फेंकवा दिया गया है। बांकी खाद्य पदार्थ की भी जांच की कई जो सही पाया गया।