पटना ब्यूरो। कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से हैवानियत की घटना ने सभी अस्पतालों की सुरक्षा पर एक सवाल खड़ी कर दी है। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने पीएमसीएच में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ की सुरक्षा की रियलिटी चेक की तो कई सच्चाई सामने आई जो अलर्ट करने के लिए काफी है। अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी अनहोनी के लिए तैयार रहना पड़ सकता है। पड़ताल के दौरान पता चला कि पटना मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। हॉस्टल से लेकर वार्ड तक सिक्योरिटी के नाम पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से खानापूर्ति की गई है। यहां रोस्टर के तहत डॉक्टर 30 से 40 घंटे तक ड्यूटी करते हैं लेकिन डॉक्टर के आराम करने के लिए अस्पताल में एक बेड तक नहीं है। कहने को हाई सिक्योरिटी जोन है लेकिन बाहरी लोग आकर महिला डॉक्टरों पर कॉमेंट कर चले जाते हैं। और अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है।
हाई सिक्योरिटी जोन के बाद भी चूक
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानी पीएमसीएच में पेशेंट एवं डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड तैनात की गई है। करीब 250 सिक्योरिटी गार्ड तीन शिफ्ट में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा में लगाए गए हैं। बावजूद अस्पताल के वार्डों में जिसको मन होता है बिना किसी रोक-टोक के प्रवेश कर लेता है क्योंकि वार्ड के बाहर सिक्योरिटी गार्ड तैनात नहीं रहते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक डॉक्टर ने बताया कि संडे देर रात यानी मंडे सुबह 3 बजे एक महिला डॉक्टर चाय पीने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के पास गई तो वहां पहले से मौजूद शरारती तत्व ने महिला डॉक्टर पर कॉमेंट करने लगा। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि विरोध करने पर कॉमेंट करने वाले भाग गए। उस वक्त वहां पर सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नहीं थे। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर अस्पताल प्रशासन इस तरह की किसी घटना से इनकार किया है।
स्वच्छ पानी व टॉयलेट की व्यवस्था नहीं
पीएमसीएच में सबसे अधिक समस्या का सामना महिला डॉक्टर करती हैं खासकर जिनकी ड्यूटी हथुआ वार्ड, प्रसूति विभाग में लगी हो। इनको पीने के लिए स्वच्छ पानी और शौचालय तक व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। ऐसे में पेशेंट के टॉयलेट से ही काम चलाती है। अधिकारियों से सवाल करने पर नए भवन का निर्माण कार्य चल रहा है भवन बनते ही साफ-सुथरा टॉयलेट डॉक्टरों के लिए उपलब्ध होगा ये कहकर मामले को टाल देते हैं। दरअसल जेंट्स डॉक्टर तो दूसरे विभाग के टॉयलेट में जाकर काम चला लेते हैं मगर फीमेल डॉक्टर को परेशानी होती है।
सीसीटीवी कैमरे नहीं कर रहा काम
पेशेंट और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर पीएमसीएच प्रशासन कितना सजग है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तो हैं मगर कई कैमरे काम नहीं कर रहे। आए दिन अस्पताल से मोबाइल और पेशेंट का सामान चोरी हो जाता है। पिछले 19 जुलाई को प्रसूति विभाग में एडमिट आरती के परिजनों की मोबाइल चोरी हो गयी। 2 अगस्त को हथुआ वार्ड में एडमिट विनोद के परिजन की मोबाइल और बैग चोरी हो गयी ये तो एक उदाहरण है ऐसे मामले प्रति दिन देखने को मिलते हैं बावजूद सिक्योरिटी गार्ड मूक दर्शक रहता है। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सिक्योरिटी के अभाव में वार्ड में आने वाले पेशेंट को हमलोग पहले अलर्ट कर देते हैं। बावजूद गैंग के लोग आसानी से सामन चोरी कर लेते हैं।
कहां आराम करें ?
हथुआ वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ। सूरज ने बताया कि पिछले 30 घंटे से ड्यूटी कर रहे हैं। डॉक्टर के जीवन में आराम नहीं है। 2 घंटे का वक्त मिला था मगर अस्पताल में आराम करने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से रूम पर चले गए थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल अभी टूट रहा है। इसलिए व्यवस्था बाधित है। कोलकाता की घटना के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा अस्पताल प्रशासन को करनी चाहिए। यहां मेल-फीमेल दोनों डॉक्टर ड्यूटी पर रहते हैं सुरक्षा में अगर चूक हुई तो घटना घट सकती है।
यूजी फस्र्ट ईयर की स्टूडेंट्स को हॉस्टल नहीं
पीएमसीएच में फस्र्ट ईयर यूजी फीमेल स्टूडेंट्स को हॉस्टल नहीं मिलने की वजह से एमबीबीएस की स्टूडेंट्स बाहर रहने को मजबूर है। नाम नहीं छापने की शर्त पर कई स्टूडेंट्स ने बताया कि हॉस्टल में जगह के अभाव में थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर की स्टूडेंट्स को ही हॉस्टल मिलता है।
अभी अस्पताल में भवन निर्माण कार्य चल रहा है इसलिए आराम करने की व्यवस्था नहीं है। डॉक्टरों के लिए टॉयलेट और स्वच्छ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
- अंकित कुमार, एमबीबीएस स्टूडेंट
अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था टाइट होनी चाहिए। भवन निर्माण की वजह से चारो तरफ तोड़ फोड़ चल रहा है इसलिए डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। एक कमरा बना हर वार्ड में उसी में लोग बैठते हैं।
-निखिल सिंह, नर्सिंग स्टूडेंट
मैं यहां की स्टूडेंट्स नहीं हूं मेरी ड्यूटी यहां पर लगी है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि टॉयलेट साफ-सुथरा कराए। टॉयलेट साफ नहीं रहने की वजह से पेशेंट के टॉयलेट को उपयोग करना पड़ता है।
- रागिनी, नर्सिंग स्टूडेंट
अस्पताल प्राइवेट सिक्योरिटी के भरोसे चल रहा है इसलिए लोगों में डर कम है। पुलिस चौकी अस्पताल परिसर में है मगर पुलिस बल कम होने की वजह से कोई भी व्यक्ति आसानी से वार्ड में पहुंच जाता है। यहां सरकारी सिक्योरिटी की व्यवस्था हो।
-अमन यादव, मेडिकल स्टूडेंट
डॉक्टर वर्जन फोटो नहीं है।
पटना कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स रात को अस्पताल परिसर में आकर महिला डॉक्टर से अभद्रता से पेश आए ऐसी सूचना मिली है। डॉक्टरों की सुरक्षा सर्वोपरी है। अस्पताल प्रशासन को डॉक्टरों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
-डॉ। अंशू माली, जेडीए अध्यक्ष, पटना मेडिकल कॉलेज
महिला डॉक्टर के साथ कोई समस्या या अभद्रता किया है इसकी सूचना नहीं है। रही बात पानी और टॉयलेट की तो हर वार्ड में टॉयलेट और पीने के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए सिक्यूरिटी गार्ड पूरे अस्पताल में तैनात रहते है।
- डॉ। अशोक कुमार झा, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, पीएमसीएच
पीएमसीएच की सुरक्षा एक नजर में
-तकरीबन 250 सिक्योरिटी गार्ड की है तैनाती।
-वार्ड के आसपास नहीं दिखते सिक्यूरिटी गार्ड।
- कई जगह सीसीटीवी नहीं लगे हैं।
-डॉक्टरों के अलग से टॉयलेट की व्यवस्था नहीं।
- वार्डों में लगे ऑरो वाटर मशीन खराब।
- बिना रोक-टोक के किसी भी वार्ड कोई भी करता है प्रवेश।
- हर तीसरे दिन मोबाइल और सामन की हो रही है चोरी।