घर बैठे आर्ट कॉलेज चला रहे प्रिंसिपल और कहते हैं कैंपस आने में लगता है डर
shambhukant.sinha@inext.co.in
PATNA : राजधानी में एक कॉलेज ऐसा है जिसके प्रिंसिपल पिछले सात महीने से कॉलेज नहीं आते हैं और वेतन समय पर ले रहे हैं। ये प्रिंसिपल घर बैठे ऑफिस चलाने में माहिर हैं। यहां पढ़ाई छोड़ अन्य अनुचित गतिविधियां चरम पर है। मारपीट, लड़कियों के साथ अनुचित तरीके से पेश आने, कैंपस में सिगरेट पीने और दलित छात्रों को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का मामला सूर्खियों में रहा है। प्रभारी प्रिंसिपल डॉ चंद्रभूषण श्रीवास्तव फिलहाल कॉलेज नहीं आने के कारण चर्चा में हैं। ख्क् मई, ख्0क्म् को प्रिंसिपल द्वारा एक छात्र की पिटाई के बाद प्रिंसिपल विरोधी आंदोलन शुरू हुआ। इसके बाद से वे कैंपस में नहीं आ रहे हैं। आश्चर्य यह है कि पूरे प्रकरण में पीयू प्रशासन भी अंधे की भूमिका में है।
प्रिंसिपल को लगता है डर
प्रभारी प्रिंसिपल डॉ चंद्रभूषण श्रीवास्तव ने आई नेक्स्ट को बताया कि कैंपस नहीं पहुंच पा रहे हैं। लेकिन सभी कार्य सही तरीके से चल रहा है। डर है कैंपस पहुंचने पर अप्रिय घटना हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दबाव में कैंपस में प्रवेश नहीं करना चाहता। पीयू प्रशासन को जांच करनी चाहिए कि कौन लोग आंदोलन कर रहे हैं।
लेटर लिखा, सुरक्षा मांगी
वहीं पीयू प्रशासन से पता चला कि प्रिंसिपल डॉ श्रीवास्तव ने पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया है। पीयू प्रॉक्टर प्रो। जीके पिल्लई ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एसपी को लिखा गया था। लेकिन अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिली है।
मेधा ने ष्टरू को लिखा लेटर
एनएपीएम की राष्ट्रीय संयोजक सह संस्थापक मेधा पाटेकर ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर प्रभारी प्रिंसिपल डॉ चंद्रभूषण श्रीवास्तव को बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में आईजी (कमजोर वर्ग) अनिल किशोर यादव द्वारा दलित उत्पीड़न मामले में समीक्षा रिर्पोट में प्रिंसिपल को दोषी माना है। आईजी ने रिपोर्ट में पुष्टि की कि दलित छात्र की पिटाई के बाद प्रिंसिपल ने दायित्व बोध का पालन नहीं किया। सीएम को लिखे इस पत्र को राजेंद्र सूद, प्रफुल्ल सामंता, दयामणि बारला, देवजीत दत्ता, अरविंद मूर्ति आदि ने सपोर्ट किया है।
खतरनाक, खतरे की बात कैसे कर रहा?
आर्ट कॉलेज बचाओ संघर्ष मोर्चा के सदस्य पुष्पराज ने कहा कि जो खुद खतरनाक हैं, वह किस खतरे की बात कर रहे हैं। ख्0क्ब् के मेधावी छात्र और मूर्तिकला में ललित कला अकादमी से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त सनातन मंडल को बाथरूम से घसीटकर पीटा गया। ख्क् मई, ख्0क्म् को प्रिंसिपल चैम्बर में छात्र विशेन्द्र नारायण सिंह को पीटा गया। 7 जून, ख्0क्म् को आंदोलनरत छात्रों के परीक्षा बहिष्कार करने पर पिटवाया गया। जबकि छात्रों ने उन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाया।
मैं कॉलेज नहीं जा सकता, आंदोलनकारी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। मैंने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन अभी तक नहीं मिली है। इसलिए घर पर ही कॉलेज का काम कर रहा हूं।
-डॉ चंद्रभूषण श्रीवास्त, प्रभारी प्रिंसिपल, आर्ट कॉलेज
यदि कोई व्यक्तिअपनी जान पर खतरे की बात कहता है तो वे कैसे कैंपस आ सकता है। उन्होंने इस संबंध में पीयू को लिखित रूप से जानकारी दी है। इस मामले पर यूनिवर्सिटी सचेत है।
- प्रो। जीके पिल्लई, प्रॉक्टर, पीयू
छात्रों ने कभी एक पत्थर तक नहीं उठाया। उलटे प्रिंसिपल छात्र-छात्राओं को दबाने के लिए अनुचित तरीके अपनाते हैं। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।
- पुष्पराज, सदस्य, आर्ट कॉलेज बचाओ संघर्ष मोर्चा