पटना(ब्यूरो)। अगर आपके वाहन का पेट्रोल और डीजल हर दिन ज्यादा खपत हो रहा है तो इसका बड़ी वजह खराब सिग्नल और शहर का जाम है। दरअसल जाम की वजह से पटना में एक लाख से सवा लाख रुपए का पेट्रोल प्रति दिन जल जाता है। ये हम नहीं एक्सपर्ट का कहना है। न्यू मार्केट, कारगिल चौक, ्रआशियाना, दीघा समेत शहर के 100 से अधिक चौराहों में से 15 चौराहों पर सिग्नल बंद हैं। अक्सर यहां जाम लगता रहता है। पीक ऑवर्स में कम से कम चार बार लंबा जाम लगता है। जाम में फंसने के दौरान वाहन चालू रहता है या फिर गाड़ी रेंगती है। इससे अतिरिक्त ईंधन की खपत होती है। इसका सीधा असर आम पब्लिक की जेब पर पड़ता है पढि़ए रिपोर्ट
वाहन का इंजन करें बंद
सिविल इंजीनियर राकेश कुमार ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल या जाम में दो से तीन मिनट तक अगर रुकना हो तो वाहन का इंजन बंद कर देना चाहिए। नहीं तो जाम में उलझने के बाद अतिरिक्त ईंधन खर्च होना तय है। शहर के कारगिल चौक और स्टेशन एरिया की तरफ पटना मेट्रो और पुल निर्माण की वजह से यातायात अव्यवस्थित हो गया है। सिग्नल सिस्टम भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है। जिस वजह से यहां अक्सर जाम का झाम शहर वासियों को झेलनी पड़ती है।
न्यू मार्केट एरिया जहां पटना जंक्शन ट्रेन पकडऩे के लिए लोग जाते हैं वहां ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह से बेबस है। पटना ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात रहते है। मगर वाहनों का संख्या इतना ज्यादा रहता है। कि सुबह से शाम तक कई बार जाम लगता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम दोपहर के 3.00 बजे जब मौके पर पहुंची तो न्यू मार्केट स्थित मस्जिद के पास से लेकर ऑटो स्टैंड तक जाम लगा था। 200 मीटर के सफर को मोटर साइकिल से तय करने में तकरीबन 10 मिनट का वक्त लगा।
अशोक राजपथ दोपहर 3 बजे
इसके बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम अशोक राजपथ पहुंची। वहां पुल निर्माण की वजह से हमेशा जाम लगा रहता है। इस मार्ग का सिग्नल सिस्टम भी ठीक ढंग से काम नहीं करता है। जिस वजह से कई मिनट तक वाहन जाम में फंसे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है।
शहर में 30 जगहों पर लगा है हाईटेक सिग्नल सिस्टम
स्मार्ट सिटी योजना के तहत पटना को स्मार्ट बनाने के शहर में 30 जगहों पर अडप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। जिसमें बाकरगंज तिराहा, बुद्धा कॉलोनी, जेपी गोलंबर, डाकबंगला चौराहा, गोलघर आयकर चौराह सहित अन्य 24 चौराहा शामिल है। हालांकि तत्कालिन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के समय भी शहर में कई जगह हाईटेक सिग्नल सिस्टम लगाया गया था मगर कुछ दिनों के बाद बंद हो गया। शहर में इसी तरह अगर अडप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम अगर लगा दिया जाए तो जाम की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।