पटना (ब्यूरो)। आईआईटी पटना के इनक्यूबेशन सेंटर में ई-साइकिल बायजो तैयार की गई है। यह आम साइकिल से काफी एडवांस है जो पैडल से और बैटरी दोनों से चला सकते हैं। इको फ्रैंडली अप्रोच के साथ इसे तैयार किया गया है। यह जल्द ही आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होगी। इसके निर्माताओं का कहना है कि बाजार में पहले से बैटरी वाली साइकिल उपलब्ध है लेकिन यह इससे भिन्न है। डिजाइन, कैपेसिटी, आउटलुक आदि सभी में यह आम ई-साइकिल से अलग है। इसके अलावा और भी एडवांस फीचर है, जिसे आईआईटी के इनक्यूबेशन सेंटर में तैयार की गई है।

समय की मांग
आज वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण पॉल्यूशन बढ़ रहा है और पेट्रोल की आसमान छूती कीमत से भी आम आदमी के लिए वाहनों का प्रयोग परेशानी भरा है। खासतौर पर कम दूरी के लिए इसे आसानी से ई-साइकिल से रिप्लेस किया जा सकता है। आईआईटी के इनक्यूबेशन सेंटर में तैयार ई-साइकिल की कंपनी का नाम बायजो पावर प्राइवेट लि। है। इस कंपनी के सीईओ रजनीश कुमार ने बताया कि पटना जैसे पॉल्यूशन से प्रभावित क्षेत्र के लिए यह ई-साइकिल वरदान साबित हो सकती है।

100 किलोमीटर चलाने की तैयारी
इ साइकिल दो मॉडल - बायजो- 100 और बायजो बॉस में उपलब्ध है जो अप्रैल से आम लोगों के लिए बाजार में मिलने लगेगी। रजनीश कुमार ने बताया कि यह कैपेसिटी में काफी बेहतर है। क्योंकि इसमें दो कैपेसिटी की बैटरी लगी है। बैटरी की कैपेसिटी 10 एएच से 30 एएच के बीच है। बैटरी पैक की कैपेसिटी पर माइलेज निर्भर है। 30 एएच की बैटरी 100 किलोमीटर तक राइड कर सकता है। महिला उद्यमी माया वर्मा का भी इस ई-साइकिल को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि इसके रिसर्च एंड डेवलपमेंट में 6 महीने का समय लगा।

कई खूबियों से लैस
इस ई-साइकिल के बारे में रजनीश कुमार ने बताया कि इसका लुक बाइक और साइकिल से मिलता-जुलता है और देखने में यह साइकिल और बाइक के बीच का लुक है। इसमें आरामदायक सीट लगी है और बाइक की तरह ही हाई कैपेसिटी सस्पेंशन भी है। डिजाइन इस प्रकार है कि इसे आम लोगों के साथ ही महिला अपने बच्चे के साथ ट्रैवल कर सकती है। यह जीपीएस इनेबल है। इसलिए यह कहीं भी हो, इसे आप टै्रक कर सकते हैं। साथ ही मोबाइल एप के जरिये कहीं से भी इसे स्टॉप किया जा सकता है। सिक्योरिटी के लिहाज से खास है। जहां आम ई-साइकिल चार्ज होने के बाद 20 से 40 किलोमीटर राइड करेगी वही यह 40 से 100 किलोमीटर तक राइड कर सकती है। इको फ्रैंडली मोबिलिटी के लिए यह एक शानदार आप्शन है। यह लास्ट माइल कनेक्टिविटी के माध्यम से लोगों के लिए बहुत उपयोगी होगी।