पटना ब्‍यूरो। विकास प्रबंधन संस्थान (डीएमआइ) के पीजीडीएम सत्र 2024-26 में नव नामांकित विद्यार्थियों की टीम गुरुवार को गांव की समस्या और उसके समाधान के लिए प्रयासरत महिला और किसानों के अनुभव को जानने के लिए उनके घर व कर्मस्थल पर पहुंचे। मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के विभिन्न गांवों में जाकर स्वयं सहायता समूह, महिला उद्यमी, सघन सब्जी उत्पादन, सोलर पंप से सामूहिक पटवन जैसे कार्यों को जाना। इससे जुड़कर लोग गरीबी रेखा से कैसे बाहर आ रहे हैं, उसका भी अध्ययन किया। छात्र आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम द्वारा सकरा में संचालित आजीविका आधारित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे महिला सौर उद्यमी योजना, स्वयं सहायता समूह, नल जल योजना के संकलन एवं संचालन जैसे कार्यों की जानकारी हासिल की। महिला और किसानों ने छात्रों को 10-10 रुपयों की बचत से लाखों के टर्नओवर वाले स्वयं सहायता समूह की कहानी भी बताई। महिला उद्यमी बेबी कुमारी ने कहा, महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितना कमाते हैं। मायने रखता है कि कितनी राशि बचत करते हैं और उसका सदुपयोग अपने परिवार और समाज की समृद्धि व विकास पर कैसे करते हैं। महिला उद्यमियों ने छोटे-छोटे बचत का महत्व समझाया। पीजीडीएम इंचार्ज प्रो। गौरव मिश्रा ने कहा कि 15 दिवसीय इंडक्शन में विद्यार्थियों को दो ग्रुप में बांटा गया है। टीम ग्रामीण क्षेत्र में विकास प्रबंधन की जरूरतों से अवगत होने के लिए गुरुवार को सकरा और शुक्रवार को वैशाली जिले के राजापाकार जाएंगे। कक्षा प्रारंभ होने से पूर्व विकास की अवधारणा को समझ लेंगे तो पढ़ाई के दौरान उसके समाधान में सहूलियत होगी।
डीन अकादमिक प्रो। शंकर पूर्वे ने कहा कि दो वर्ष के कोर्स में लगभग एक चौथाई समय फिल्ड वर्क का होता है। यह छात्रों को वास्तविक परिस्थिति को समझने में काफी मदद करता हैं। विद्यार्थी सीधे प्राथमिक सोर्स से जुड़ते हैं।