पटना (ब्यूरो)।

राजधानी के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में जांच के नाम पर मनामानी जारी है लेकिन सरकारी लेवल पर मॉनिटरिंग नहीं होना चिंताजनक है। सरकारी आदेश साइड कर हॉस्पिटल अपनी गाइडलाइन चला रहे हैं। पेशेंट की जेब और जान से खेल रहे हॉस्पिटल की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास इस मनमाने रेट से निजात दिलाने के लिए कई कम्पलेन आ रही थी। टीम ने पटना में प्राइवेट नर्सिंग होम में की पड़ताल की। खुलासे से यह बात साफ हो गई है कि सरकार के आदेश सिर्फ कागजों में हैं। ईसीजी जांच के लिए 300 रुपए से लेकर 600 रुपए की वसूली हो रही है। एक रेट है ही नहीं, कहीं रसीद दे रहे हैं तो कहीं सादे चुरकूट दे कर काम चला रहे हैं। आज पढि़ए किस तरह जांच के नाम पर मनमानी चल रही है।

इन जगहों पर जांच-पड़ताल
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने पाटलिपुत्रा गोलंबर, एसकेपुरी पार्क रोड, बोरिंग रोड, बेली रोड, मखनियाकुआं, अशोक राजपथ, दानापुर कुर्जी रोड, कंकड़बाग मेन रोड, भूतनाथ रोड, कुम्हरार पार्क, कंकड़बाग ऑटो स्टैंड रोड, पीसी कॉलोनी रोड, राजेंद्र नगर बहादुरपुर गुमटी एरिया और आशियाना रोड।

लेटेस्ट मशीन के नाम पर वसूली
बिहार में सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्राइवेट नर्सिंग होम वाले पेशेंट से जमकर पैसों की लूट में जुटे हैं। ताजा मामला पटना के प्राइवेट नर्सिंग होम का है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह अस्पताल पुराने इक्यूपमेंट का इस्तेमाल कर लेटेस्ट मशीन का हवाला देकर पैसे की उगाही कर रहे हैं।

क्यों जरूरी है ईसीजी टेस्ट
दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। ईसीजी एक तरह की जांच है जिसे आमतौर पर दिल से संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। ईसीजी टेस्ट आमतौर पर दिल तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाओं में परेशानी, ऑक्सीजन की कमी, नस ब्लॉकेज, टिशूज की असामान्य स्थिति, सीने में तेज दर्द या सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हार्ट अटैक के लक्षणों और दिल से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। धमनियों और हृदय से निकलने वाली तरंगें या दिल की धड़कन के जरिए डॉक्टर दिल की बीमारियां पता लगाते हैं। अगर आप दिल की बीमारियों का पता ठीक समय से लगा लेते हैं, तो इन्हें आसानी से ठीक किया जा सकता है। आमतौर पर सभी हृदय अस्पतालों में ये टेस्ट उपलब्ध होता है।

कब करवानी चाहिए ईसीजी टेस्ट
-जब लगातार हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो।
-जब सीने में तेज दर्द की शिकायत हो।
-जब दिल की धड़कन असामान्य हो जाए और लगातार घटती-बढ़ती हो।
-जब सीने और छाती में तकलीफ हो और सांस लेने में परेशानी आए।
-जब अचानक से घबराहट हो और पसीना निकलने लगे यानि दिल की बीमारी के लक्षण नजर आएं।
-जब डायबिटीज को कंट्रोल न किया जा सके और इसका प्रभाव दिल पर दिखने लगे।
-जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियां ब्लॉक हो जाएं और हार्ट तक खून न पहुंचे
-जब ब्लड क्लॉटिंग की वजह से दिल तक खून न पहुंचे।
-जब हार्ट वॉल्व में कोई परेशानी आती है।
-जब दिल की बीमारी के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं।
-कई बार दिल पर दवाइयों के साइड इफेक्ट को जानने के लिए भी किया जाता है।

कैसे किया जाता है ईसीजी
ईसीजी का अर्थ होता है इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, इसे ईसीजी कहते हैं। ईसीजी कम समय में होने वाला, सुरक्षित, दर्दरहित व कम खर्च वाला टेस्ट होता है, जिसे हृदय की किसी समस्या की आशंका होने पर किया जाता है। इस टेस्ट में पेशेंट की छाती, भुजाओं और पैरों की त्वचा पर छोटे इलेक्ट्रोड पैच लगाकर इनकी मदद से हृदय की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। इसे जांच को एक नियमित स्वास्थ्य जांच की तरह किया जा सकता है और हृदय की बीमारी का पता लगाने के लिए भी।


नहीं देते हैं रसीद
जांच कराने आए माया देवी ने बताया कि एसकेपुरी पार्क के पास प्राइवेट नर्सिंग होम गया तो जांच के बाद रसीद मांगने पर रिसेप्शन पर बतलाया कि चिरकूट में लिख कर देंगे। हमारे पास कम्पूटराइज बिल नहीं है।
माया देवी जांच कराने आए माया देवी ने बताया कि

डिजिटल मशीन नहीं
जांच कराने आए किशोर कुमार ने बताया कि किकंकड़बाग के मेन रोड में एक ट्रामा सेंटर में ईसीजी करवाने गया तो वहां 500 रुपए की डिमांड की गई। जब बताया गया कि पुरानी मशीन है। ए फोर साइज पेपर में रिपोर्ट नहीं है तो बोलने लगे कि मेरे पास यही मशीन है।

जांच कराने आए मिथलेश झा ने बताया कि 600 रुपए की वसूली की गई, सरकारी हॉस्पिटल में ज्यादा टाइम लगेगा यह बात बोलकर मखनियाकुआं के नर्सिंग होम का विजिटिंग कार्ड दे दिया गया। सस्ता बताकर 600 रुपए की वसूली की गई।