राजधानी में डेंगू तेजी से अपना डंक फैला रहा है। यहां सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। डेंगू का हॉटस्पॉट बन चुके पटना में शुक्रवार को 16 वर्षीय युवक आर्यन की गुरुवार की रात डेंगू से मौत हो गई। डेंगू से पटना में ये तीसरी मौत है। इससे पहले एक बुजुर्ग और एक महिला की भी डेंगू से जान जा चुकी है। बता दें कि नौबतपुर के आर्यन को 24 अगस्त की रात भर्ती कराया गया था। एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी डॉ। संजय कुमार ने बताया कि आर्यन का प्लेटीलेट्स लगातार कम होने से उसकी मौत हो गई है। डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या और इलाज के दौरान डेंगू पीडि़त एक किशोर की मौत के बाद शुक्रवार को अधीक्षक प्रो। डा। विनोद कुुमार सिंह ने डेंगू वार्ड का निरीक्षण कर एनएमसीएच की व्यवस्था को हाई अलर्ट कर दिया।
पटना में 265 लोग डेंगू से पीड़ित
गौरतलब है कि इस साल एक जनवरी से 28 अगस्त तक राज्य में 646 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें पटना में 265 लोग पीड़ित हो चुके हैं। मेदांता में 3, मेडिवर्सल में 2, फोर्ड में 3 और जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में कुल 10 मरीज एडमिट हैं। शुक्रवार को राज्य में 50 नए मरीज मिले। इसमें हॉटस्पॉट बने पटना से 18 केस सामने आए हैं। पटना के बाद सबसे अधिक समस्तीपुर में छह मरीज मिले हैं, यहां अब तक 40 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं।
जलजमाव वाला हॉट स्पॉट
डेंगू का प्रकोप उन्हीं जलजमाव वाले इलाके में ज्यादा है, जो पिछले वर्ष भी हॉट स्पॉट रहे थे। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीसीओ) डॉ। सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को मिले पीड़ितों में सबसे अधिक अजीमाबाद में पांच, कंकड़बाग में तीन, बांकीपुर में दो पीड़ित मिले हैं। इसके अलावा पाटलिपुत्रा, एनसीसी, अथमलगोला, धनरुआ, दानापुर, पटना सदर में एक-एक मरीज मिला। सभी पीड़ितों की जांच एनएमसीएच में हुई थी।
38 नमूनों की जांच में नौ डेंगू पीड़ित मिले
एनएमसीएच स्थित माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब में शुक्रवार को डेंगू के संदिग्ध 38 नमूनों की जांच हुई। विभागाध्यक्ष प्रो। डा। संजय कुमार ने बताया कि नौ नमूनों की जांच रिपोर्ट डेंगू पाजिटिव मिली है। गुलजारबाग के 25 एवं 52 वर्षीय पुरुष, पटना की 16 वर्षीया किशोरी एवं 18 वर्षीय किशोर, वैशाली की तीन साल की बच्ची एवं 17 साल की किशोरी, नौबतपुर के 45 वर्षीय पुरुष एवं बख्तियारपुर के 23 वर्षीय युवती को डेंगू होने की पुष्टि हुई है।
सदर अस्पताल में 10 बेड रिजर्व
राज्य में सबसे अधिक मरीज पटना जिले में ही मिल रहे हैं। इसको लेकर सरकारी अस्पतालों में बेड रिजर्व है। सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडल अस्पतालों में 05-05 बेड, सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 02-02 बेड सुरक्षित रखा गया है। सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड टेस्ट किट से डेंगू की स्क्रीनिंग सुविधा उपलब्ध है।
बीते वर्ष पटना में डेंगू से 19 की मौत
वर्ष 2023 में डेंगू से पटना में 19 और बिहार में 64 लोगों की मौत हुई थी। वहीं इस वर्ष के आंकड़े लोगों को डराने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मामले अगर इसी रफ्तार से बढ़ते रहेंगे तो हालात बिगड़ सकती है। वहीं पटना नगर निगम ने मच्छर मारने के लिए दो करोड़ रुपये का बजट पास किया है। पटना के 75 वार्डों में 200 से अधिक फॉगिंग मशीन से मच्छर भगाने के साथ एंटी लार्वा छिड़कांव का काम कराया जा रहा है।
आठ साल से छह गुना बढ़े पेशेंट
आश्चर्य की बात यह है कि 11 विभागों की जिम्मेदारी के बाद भी डेंगू पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिसका नतीजा यह है कि पटना में आठ साल पहले जहां डेंगू के पेशेंट की संख्या 200 से भी कम थी। वहीं साल 2023 में यह बढ़कर 14,000 से भी पार हो गई है।
प्लेटलेट्स की कमी से हो जाती है मौत
डेंगू में शरीर में पानी कम होने से प्लेटलेट्स की कमी होती है इसके लिए जरूरी है कि भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। मौसमी फलों का जूस और नारियल पानी का सेवन भी फायदेमंद होता है। घर में डेंगू मरीज मच्छरदानी के भीतर रहे। इसके अलावा यदि घर में डेंगू मरीज मिलते हैं तो अच्छे से घर की साफ सफाई करें। फिनायल, केरोसिन अथवा ऐसीड डालकर सफाई करें।
डेंगू के केसेज
2020 — 243
2021 — 353
2022— 4922
2023— 17,192
2024— 646
यह भी जानें
2023 में 17,192 पेशेंट चिंहित किए गए थे
18 से 38 डिग्री के तापमान के बीच रहे सकता है डेंगू का मच्छर
70 से 80 लोगों को काट सकती है एक दिन में मादा एडीज
डेंगू में बिना चिकित्सा परामर्श के एंटीबायोटिक का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। यदि 100 से ऊपर फीवर रह रहा है, सर में दर्द, पेट दर्द, हड्डियों और जोरो में दर्द, जी मिचलना की शिकायत रह रही है तो डेंगू का जांच कराएं।
डॉ। दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ फिजिशियन