पटना ब्‍यूरो। Dengue In Patna: बुखार ठीक होने के बाद भी डेंगू रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आ जाए तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। साल 2023 में डेंगू के नए स्ट्रेन से आम पब्लिक परेशान थे। प्लेटलेट्स भी तेजी से डाउन हो रहा था। कमजोरी की वजह से फीवर भी आ रहा था। डॉक्टर इसे डेंगू के साइलेंट सिंपटम्स मान रहे थे। बारिश शुरू होते ही पटना में दूसरे जिलों से डेंगू पॉजिटिव इलाज के लिए आने लगे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू मच्छर साल दर साल अपना रूप बदल रहा है। पहले डेंगू के फस्र्ट और सेकेंड स्ट्रेन के ही पेशेंट मिलते थे। साल 2023 में चारों स्ट्रेन के पेशेंट मिले थे। जिसके बाद पटना में अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाया गया। साल 2024 में दूसरे प्रदेश के तीन पेशेंट मिले हैं। हालांकि स्ट्रेन की जांच अभी तक नहीं हुई है। आज दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पढि़ए ये रिपोर्ट

जांच में डेंगू के चौथे स्ट्रेन का चला पता
पिछले वर्ष पटना समेत पूरे बिहार करीब 18 हजार डेंगू के पेशेंट मिले थे। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू को लेकर अवेयर रहने की आवश्यकता है। साल 2024 में आईजीआईएमएस में लंबे समय बाद सीरो टाइप जांच में डेंगू के नए स्ट्रेन डीईएन 4 मिला था। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू के डीईएन 2 और डीईएन 3 सबसे खतरनाक स्ट्रेन है। जबकि डीईएन 1 और डीईएन 4 भी एक्टिव स्ट्रेन है। साल 2023 में चारों स्ट्रेन मिलने से पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया था। जबकि 2022 में 26 सैंपल की जांच हुई थी जिसमें 1 सैंपल स्ट्रेन 4 के मिले थे। 2023 में 281 सैंपल की जांच हुई थी जिसमें चार सैम्पल स्ट्रेन 4 के मिले थे। 2018 से 2021 के बीच डेंगू के सिर्फ स्ट्रेन 2 के ही पेशेंट मिले थे। डेंगू के डंक को कम करने के लिए इस बार जुलाई से एंटी लार्वा स्प्रे शुरू की गई है।

बारिश के मौसम वाला डेंगू अब हर मौसम मिल रहे
सीनियर फिजिशियन डॉ। राणा एसपी सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर जुलाई से अक्टूबर के बीच मानसून के मौसम में डेंगू पॉजिटिव होना आम बात है। क्योंकि इस मौसम में मच्छर स्थिर पानी में पनपते हैं। ये मौसम एडीज़ मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल है। बदलते जलवायु की चलते अब बारिश कभी भी होने लगती है साथ ही आम पब्लिक डेंगू के प्रति अवेयर नहीं है, गर्मी में कूलर में जो पानी भरते हैं उसे ठंड शुरू होने पर भी नहीं निकालते हैं। ऐसे में साफ पानी में डेंगू का लार्वा आसानी से पनप जाता है। इसलिए दिसम्बर और जनवरी में भी डेंगू के केस मिलते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि बारिश के दौरान या सामान्य दिनों में भी कूलर गमले में पानी एकत्र न होने दें। स्थिर साफ पानी में डेंगू मच्छर लार्वा देने में सक्षम होता है।

डीईएन 2 व 3 स्ट्रेन में फीवर अधिक
पटना के सीनियर जनरल फिजिशियन डॉ। दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि डेंगू का अगर समय पर इलाज किया जाए तो बीमारी से निजात मिल सकती है। सामान्य तौर पर डीईएन 2 के पेशेंट मिलते हैं डीईएन 2 और डीईएन 3 में फीवर 9 से 10 दिन तक रहता है जबकि डीईएन 1 और 4 में फीवर 6 से 7 दिन तक रहता है। उन्होंने बताया कि डीईएन 1 स्ट्रेन और 4 स्ट्रेन की अपेक्षा डीईएन 2 और डीईएन 3 स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है। डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल बुखार के बिना भी साइलेंट मोड में डीईएन 2 स्ट्रेन के पेशेंट मिले थे। डीईएन 2 स्ट्रेन से पॉजिटिव पेशेंट को पूरे शरीर में दर्द होते रहता है। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू के सभी स्ट्रेन खतरनाक हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत योग्य डॉक्टर्स से परामर्श लेना आवश्यक है।

डेंगू जांच के 3 स्टेज
-क्लासिकल डेंगू
-हैमरेजिक डेंगू
- शॉक सिंड्रोम डेंगू

डेंगू के 4 स्ट्रेन
-डीईएन 1
-डीईएन 2
-डीईएन 3
-डीईएन 4

थर्ड स्टेज सबसे अधिक खतरनाक
डॉक्टरों ने बताया कि क्लासिकल डेंगू का इलाज घर में भी हो सकता है। ये सामान्य तौर पर डेंगू मच्छर काटने से लोगों को होता है। इसमें सामान्य लक्षण ही होते हैं। इसमें मौत की संभावना कम होती है। लेकिन बुखार और कमजोरी हो सकती है, ये पांच से 6 दिनों में ठीक हो जाती है। जबकि हैमरेजिक डेंगू या शॉक सिंड्रोम होने पर खतरा बढ़ जाता है। जांच में अगर पता चले तो इसे इग्नोर करना जानलेवा हो सकता है।

डेंगू के फस्र्ट स्टेज के लक्षण
-ठंड के साथ तेज बुखार आना।
-सिर दर्द के साथ मांसपेशियों में दर्द।
- आंखों के पीछे दबाने पर दर्द।
-कमजोरी लगना।
- भूख नहीं लगना।
- स्वाद नहीं आना।
-जोड़ों में तेज दर्द होना।
- शरीर में सुस्ती होना।

हेमरेजिक डेंगू के लक्षण
-नाक से खून आना।
- शरीर पर काले भरे चकते पडऩा।
- बाकी फस्र्ट स्टेज की तरह।

शॉक सिंड्रोम डेंगू के लक्षण
- बुखार।
-नाक में खून आना।
- शरीर पर काले चकते पडऩा।
- बेहोश होना।
-पेशेंट में बेचैनी की लक्षण दिखना।
- बाकी फस्र्ट स्टेज की तरह।

लीवर कर सकता है डैमेज
पटना के सीनियर फिजिशियन डॉ राणा एसपी सिंह ने बताया कि डेंगू होने पर हल्के में न लें। लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। डेंगू को इग्नोर करने पर लीवर को डैमेज कर सकता है। इसलिए डेंगू पेशेंट को लीवर जांच कराई जाती है। इसके साथ सीबीसी जांच भी कराई जाती है।

सितंबर 2023 में स्ट्रेन 1 से स्ट्रेन 4 के पेशेंट
तिथि डेन 1 डेन 2 डेन 3 डेन 4 दोबारा संक्रमित कुल जांच
13 4 1 0 1 0 6
14 2 2 0 0 1 5
15 3 2 7 1 2 15


दूसरे प्रदेश के तीन पेशेंट मिले संक्रमित
शहर के सीनियर फिजिशियन डॉ। दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि जुलाई 2024 में डेंगू के तीन संक्रमित मरीज दूसरे प्रदेश से संक्रमित होकर पटना पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि अभी स्ट्रेन की जांच नहीं करायी गयी है। सामान्य लक्षण होने की वजह से दवा देकर उनका इलाज घर पर ही चल रहा है।



डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। अवेयरनेस प्रोग्राम के लिए नोटिफिकेशन भी मिल गया है। जल्द ही पटना में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जाएगा। पिछले जिस प्रकोप से लोग जूझे तो वो इस साल न हो इसके लिए प्रयास की जा रही है।
- डॉ। मिथिलेश कुमार, सिविल सर्जन, पटना