पटना (ब्यूरो)। पटना सिटी की धरोहरों को स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण खतरा उत्पन्न हो गया है। ताजा मामला सिटी चौक स्थित 500 साल पुराने श्री भैरव नाथ मंदिर का है। इस मंदिर को लोग बटुक भैरव के नाम से भी जानते हैं, की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है। मंदिर की व्यवस्था सेवायतों के द्वारा होती आ रही थी। पूर्व के सेवायतों की मृत्यु के बाद एक पुजारी की देखभाल में स्थानीय नागरिकों के सहयोग से मंदिर की देखरेख की जा रही है। कोई भी शुभ कार्य करने के पूर्व स्थानीय निवासी शहर रक्षक भैरव बाबा को निमंत्रण देने जरूर आते हैं। लोग शादी ब्याह व बच्चे के जन्म के बाद जरूर मत्था टेकने आते हैं। सरकारी खेसरा खतियान में इस मंदिर का का जिक्र है। इन बातों की जानकारी देते हुए पटना जिला पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के आदेश का स्थानीय प्रशासन की अवहेलना के कारण सिटी स्थित 500 वर्ष पुराने श्री भैरव नाथ मंदिर के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
हस्ताक्षर अभियान चला
उल्लेखनीय है कि मंदिर के विकास व संरक्षण के लिए स्थानीय नागरिकों ने एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को दिया था। इस ज्ञापन में सुरक्षा व संरक्षण के लिए मंदिर के निबंधन के साथ-साथ इसके प्रबंधन के लिये एक समिति का आग्रह किया गया था। जन आवेदन पर संज्ञान लेते हुए धार्मिक न्यास पर्षद ने अनुमंडल पदाधिकारी ,पटना सिटी को 16 सितंबर, 2021 में जांच कर आगे कारवाई हेतु रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था लेकिन आजतक कोई जांच नहीं हुई और न ही कोई पत्र का जबाव धार्मिक न्यास पर्षद को अनुमंडल कार्यालय ने दिया है।
संरक्षण के लिए नहीं उठाये गए कदम
मंदिर से सटे अपार्टमेंट सह मॉल का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है। यह निर्माण समाजसेवी मनोज कमलिया की हत्या उपरांत परिवार के पटना सिटी से पलायन के कारण बेचे गये भवन को तोड़कर कर किया जा रहा है। इस जमीन के खरीदगी और मंगल तालाब स्थित मनोज कमलिया स्टेडियम का नामकरण की कड़ी भी जांच का विषय बनती है। समाजसेवी राकेश कपूर ने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन कारवाई करने में शिथिलता बरत रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अपार्टमेंट सह मॉल के निर्माण की भव्यता में यहां मौजूद मंदिर आड़े आ सकता है। इसलिए इस बात की गुंजाइश है कि अपार्टमेंट सह मॉल के मालिकान इस मंदिर की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसी आशंका के मद्देनजर स्थानीय निवासी इस ऐतिहासिक मंदिर को बचाने के लिए गोलबंद होकर प्रयत्नशील है।